दिल्ली में आर्थिक अपराध शाखा ने माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अहम कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्तार अंसारी से जुड़ी 'स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज' नामक कंपनी की 6 संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी किया है। ये संपत्तियां तीन प्रमुख स्थानों- दिल्ली, वाराणसी और गाजीपुर में फैली हैं।
जांच एजेंसी के अनुसार, यह पूरी कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की उस कड़ी को उजागर करती है, जिसके जरिए अवैध कमाई को वैध कारोबार के रूप में दिखाने की कोशिश की गई थी। ईडी ने बताया कि स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज की ओर से FCI को किराए पर दिए गए गोदामों से 15.31 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि कुल 27.72 करोड़ रुपये की राशि अवैध गतिविधियों से अर्जित कर कंपनी के माध्यम से सफेद धन में तब्दील की गई।
ED की रिपोर्ट में खुलासा
प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला नाम सामने आया है आतिफ रजा। आतिफ न केवल मुख्तार अंसारी के बहनोई हैं, बल्कि स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी भी उनके पास है। आरोप है कि अवैध तरीके से कमाई गई रकम को ‘आगाज प्रोजेक्ट’ सहित अन्य कंपनियों के खातों में ट्रांसफर किया गया। जांच एजेंसी का दावा है कि ये कंपनियां पूरी तरह से मुख्तार अंसारी और उनके करीबी सहयोगियों के नियंत्रण में थीं।
इस मनी ट्रेल की गहराई में जाने पर प्रवर्तन निदेशालय को एक और राजनीतिक चेहरा मिला- पूर्व सांसद अतुल राय। सूत्रों के अनुसार, एजेंसी को मुख्तार अंसारी के नेटवर्क और अतुल राय के बीच वित्तीय लेन-देन के सुराग मिले हैं, जो इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक-आर्थिक गठजोड़ की दिशा में इंगित करता है। अब तक इस केस में कुल 6.40 करोड़ रुपये की संपत्तियां ईडी की ओर से जब्त की जा चुकी हैं और जांच जारी है।
रिपोर्ट- सैयद उवैस अली
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