दिल्लीवासियों को शुक्रवार को भी जहरीली हवा से जूझना पड़ा. 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 429 रहा. इसे 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है. शहर के 36 निगरानी स्टेशनों में से 14 ने AQI का स्तर 450 से ऊपर दर्ज किया गया. यह उन क्षेत्रों में स्थितियों को 'गंभीर प्लस' के रूप में चिह्नित करता है. शेष स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में 401-450 के बीच दर्ज किया गया.
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सूक्ष्म कण गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं
ये स्तर हवा की गुणवत्ता सूचकांक गंभीर गिरावट के संकेत देते हैं. इससे बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन या हृदय की बीमारियों समेत कमजोर स्वास्थ्य वालों के लिए ये जोखिम भरा है. शुक्रवार को हवा में प्रमुख प्रदूषक PM2.5 था. सूक्ष्म कण गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं. ये फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं.
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वायु गुणवत्ता एक बड़ी चिंता का विषय
राजधानी में अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस था. हवा में नमी के कारण वातावरण में फैला प्रदूषण ज्यादा घातक हो चुका है. ऐसे में सांस लेने में लोगों को कठिनाई हो सकती है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है, जो सर्दियों के महीनों के दौरान खराब वेंटिलेशन और कम हवा की गति के कारण खराब हो गई है. राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण III के अंतर्गत आती है. इसमें बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों जैसी कमजोर आबादी को बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है.