बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं पर हमले की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. सरकार ने शुक्रवार को राज्य सभा में बताया कि बांग्लादेश में इस साल आठ दिसंबर तक हिंदुओं पर कई बड़े हमले हुए. यहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के 2200 मामले सामने आए हैं. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने मानवाधिकार संगठनों के आंकड़ों को पेश किया है. इसमें बताया गया कि पाकिस्तान में इस साल अक्टूबर तक हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यको के खिलाफ हिंसा के 112 मामले सामने आए. बीते साल बांग्लादेश में अल्पसंख्सकों के खिलाफ हिंसा की 302 घटनाएं सामने आईं. पाकिस्तान में साल 2023 में इस तरह की 103 घटनाएं देखी गई थीं.
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हिंसा का कोई मामला सामने नहीं आया
मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का किसी तरह का मामला सामने नहीं आया है. मंत्री के अनुसार, 'भारत सरकार ने पाकिस्तान से धार्मिक असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा, अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों को राकने की अपील की है. इसके साथ उनकी सुरक्षा को लेकर कदम उठाने की मांग की है.'
विरोध प्रदर्शनों के बाद बिगड़े हालात
आपको बता दें कि बांग्लादेश में अगस्त माह में तख्तापलट हो गया था. तत्काली बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को देश छोड़कर भारत की शरण लेनी पड़ी. इस दौरान बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए. इसके बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ता गया. हसीना के भारत में शरण लेने के कुछ दिनों बाद ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली. वह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में अगुवाई करते हैं. हिंदुओं पर यहां पर लगातार हमले बढ़ रहे हें. हाल के हफ्तों में दोनों देशों के बीच संबंध काफी खराब हो चुके हैं.