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Tarun Tejpal ( Photo Credit : News Nation)
तहलका पत्रिका (Tehelka) के पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल (Tarun Tejpal) के खिलाफ रेप के आरोपों के मामले में अदालत आज अपना फैसला सुना सकती है. गोवा के जिला एवं सत्र न्यायालय मापुसा में इस मामले पर कल यानी गुरुवार को फैसला सुनाया जाना था लेकिन कोर्ट में बिजली नहीं होने के कारण फैसले को टाल दिया गया. तरुण पर उनकी एक महिला सहयोगी का आरोप है कि साल 2013 में गोवा के एक लग्जरी होटल की लिफ्ट में तरुण तेजपाल ने उनका शारीरिक शोषण किया. इसके बाद तरुण तेजपाल को 30 नवंबर 2013 रेप केस में गिरफ्तार किया गया था.
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साल 2012-13 में तरुण ने स्टिंग ऑपरेशन करके कई बड़े खुलासे किए. और सत्ता के गलियारों में सनसनी मचा दी थी. खोजी पत्रकारिता में उनकी ऐसी पहचान बनी कि लोग आंख मूंदकर उन पर भरोसा करने लगे. लेकिन बरसों की कमाई, नाम और शोहरत को बस एक कदम ने बर्बाद कर दिया. उनकी एक महिला सहयोगी ने उन पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया.
कब हुई घटना, कैसे हुआ खुलासा
7 नवंबर, 2013, गोवा के एक फाइव स्टार होटल में तहलका का थिंक फेस्ट चल रहा था. तहलका के एडिटर इन चीफ और जाने-माने पत्रकार तरुण तेजपाल समेत दुनिया के कई मशहूर चेहरे इस फेस्ट का हिस्सा थे. इसी कार्यक्रम में वो लड़की भी शामिल हुई. वो लड़की आई तो थी अपनी ड्यूटी करने, लेकिन अपने बॉस तरुण तेजपाल के नापाक इरादों का शिकार बन गई. लड़की के अनुसार तेजपाल ने उसके साथ एक नहीं, बल्कि दो-दो बार ज्यादती की और मुंह खोलने पर बुरे अंजाम की धमकी भी दी.
लड़की ने सबूत के तौर पर तेजपाल को भेजे गए मैसेजेस और मेल को कोर्ट में पेश किया. अपने बयान में लड़की ने साफ किया है कि जो भी हुआ उसकी मर्जी के खिलाफ हुआ. वहीं तेजपाल की तरफ से सहमति की बात कही गई. बयान में लड़की ने ये भी कहा है कि मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने भी उसकी कोई मदद नहीं की.
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इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं. गोवा अपराध शाखा ने तेजपाल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया. उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला.
महामारी के कारण स्थगित हुआ मामला
अतिरिक्त जिला अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश क्षमा जोशी ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था. 12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था. अदालत ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण यह मामला स्थगित किया गया था. गोवा पुलिस ने 30 नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. तरुण तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं. गोवा अपराध शाखा ने तेजपाल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया.
HIGHLIGHTS
- 2013 में सहयोगी पत्रकार ने लगाया था यौन शोषण का आरोप
- महिला के मुताबिक तेजपाल ने लिफ्ट में दो बार की ज्यादती
Source : News Nation Bureau