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राम मंदिर मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना का अवसर है : वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक धार्मिक मामले से कहीं अधिक है और यह उच्चतम मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना का अवसर है.

Updated on: 05 Aug 2020, 05:26 PM

दिल्ली:

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक धार्मिक मामले से कहीं अधिक है और यह उच्चतम मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना का अवसर है. उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम के आचरण और मूल्य भारत की चेतना के मूल तत्व हैं, जो सभी तरह के विभाजन और बाधाओं से ऊपर हैं. ये आज भी प्रासंगिक हैं.

अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह के अवसर पर एक फेसबुक पोस्ट में उपराष्ट्रपति ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण सत्य, नैतिकता और आदर्शों के उन उच्चतम मानवीय मूल्यों का पुन: राज्याभिषेक है, जो ‘‘मर्यादा पुरुषोत्तम’’ (भगवान राम) ने अपने जीवन के दौरान स्थापित किए थे.

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उन्होंने लिखा, ‘अयोध्या के राजा के रूप में राम ने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया. उनका आचरण और मूल्य भारत की चेतना के मूल तत्व हैं.’ नायडू और उनकी पत्नी उषा ने इस अवसर पर बुधवार को उपराष्ट्रपति भवन में रामायण का पाठ भी किया. अपने सोशल मीडिया पोस्ट में नायडू ने समारोह पर खुशी प्रकट करते हुए कहा कि राम मंदिर मातृभूमि के लोकाचार का स्मरण कराना जारी रखेगा, जो बगैर किसी भेदभाव के सर्वाभौम रूप से व्याप्त है.

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नायडू ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में पक्षकार रहे दिवंगत हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी की भी सराहना करते हुए लोगों से अतीत को भूलने और भारत की सच्ची भावना की ओर बढ़ने की अपील की. उन्होंने इस दिन को सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए आपसी सम्मान के एक नए युग की शुरुआत बताया, जो हर भारतीय के सपनों के भारत का निर्माण करेगा.