दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दाखिल कर राष्ट्रीय राजधानी की सभी अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंस और ई-फाइलिंग के जरिए सामान्य न्यायिक कामकाज फिर से शुरू करने का अनुरोध किया गया है. उच्च न्यायालय ने 29 मई को जारी एक प्रशासनिक आदेश में कहा था कि वह कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर 14 जून तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केवल आवश्यक मामलों की सुनवाई करेगा. यह आदेश शहर की सभी जिला आदलतों पर भी लागू है.
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अधिवक्ता एस बी त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका में उच्च न्यायालय प्रशासन को ई-फाइलिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सामान्य न्यायिक कार्यों को फिर से शुरू करने के लिए एक आदेश पारित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया. इसमें अदालत के 29 मई के प्रशासनिक आदेश को भी निरस्त करने का आग्रह किया गया.
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याचिका में तर्क दिया कि चूंकि अब सभी पीठें बैठ रही हैं और मामलों को ई-फाइलिंग के जरिए दायर किया जा रहा है, इसलिए “जो अत्यावश्यक मामले नहीं हैं” वैसे लंबित एवं नये मामलों की सुनवाई में कोई बाधा नहीं होगी. इसमें यह भी दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने नियमित तरीके से मामले दाखिल करने की अनुमति दे दी है और गैर जरूरी मामलों की भी सुनवाई शुरू कर दी है. याचिका में कहा गया कि अदालतों के सीमित कामकाज की वजह से, लंबित मामले बढ़ गए हैं और वकीलों पर आर्थिक दबाव बढ़ रहा है.
Source : Bhasha