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25 साल बाद खत्म हुआ मार्स और कैडबरी के बीच विवाद Photograph: (Social Media)
Mars Vs Cadbury Trademark Dispute: मार्स और कैडबरी के बीच पिछले 25 वर्षों से चला आ रहा ट्रेडमार्क विवाद आखिरकार खत्म हो गया. इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों को दिवाली के अवसर पर स्कूली बच्चों को मिठाई बांटने का भी आदेश दिया. इसके बाद दोनों कन्फेक्शनरी कंपनियों के बीच आपसी समझौता हो गया. इस मामले पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस संजीव नरूला ने दोनों कंपनियों को आदेश दिया कि वे दिल्ली के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को चॉकलेट, कुकीज़ जैसे कन्फेक्शनरी उत्पाद बांटें.
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कंपनियों के बीच विवाद तब पैदा हो गया था जब मार्स और कैडबरी दोनों ने दिवाली के अवसर पर अपने कन्फेक्शनरी उत्पादों का वितरण करने का काम किया. उनका तर्क था कि यह सद्भावना, सामुदायिकता और देने के आनंद का प्रतीक होगा, एक ऐसी भावना जो व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता से परे है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि, "न्यायालय इस भाव के लिए अपनी सराहना करता है. जो दिखाता है कि घोर प्रतिस्पर्धी उद्योगों में भी, कॉर्पोरेट प्रतिद्वंद्विता को सामाजिक उत्तरदायित्व पर हावी नहीं होना चाहिए. सच्चा उत्सव किसी पर विजय पाने में नहीं, बल्कि दूसरों के प्रति उदारता में निहित है."
दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस नरूला ने कैडबरी के खिलाफ 2018 में मार्स द्वारा दायर मुकदमे का फैसला सुनाया. 10 अक्टूबर को दोनों पक्षों ने आपसी समझौते के आधार पर फैसला सुनाने के लिए एक संयुक्त आवेदन दायर किया था. मार्स ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री के समक्ष कैडबरी के 'सेलिब्रेशन्स' ट्रेडमार्क के आवेदन के खिलाफ दायर विरोध और सुधार की कार्यवाही वापस लेने पर सहमति व्यक्त की. मुकदमे का फैसला सुनाते हुए, न्यायालय ने कहा कि लगभग 25 वर्षों से, कन्फेक्शनरी जगत के "दो दिग्गज" - मार्स और कैडबरी, न्यायालय के समक्ष ट्रेडमार्क "सेलिब्रेशन्स" को लेकर विवाद में उलझे हुए थे.
दोनों कंपनियों के विवाद पर क्या बोला दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि, "उत्सव" शब्द, जो खुशी और उल्लास का प्रतीक है, कानूनी विवाद का केंद्र बन गया और इसकी खुशनुमा ध्वनि दशकों तक गंभीर विचार-विमर्श का विषय बनी रही. जो दलीलों, हलफनामों और सुनवाई के दौर से गुज़रती रही. न्यायालय ने कहा, "आज, उस लंबी यात्रा का समापन हो रहा है. आखिरकार, कलह में नहीं, बल्कि सद्भाव में पर्दा गिर गया है. यह मुक़दमा आपसी सहमति से सुलझ गया है, जिससे लगभग चौथाई सदी से न्यायिक समय लेने वाले एक मुकदमे का अंत हो गया है. न्यायालय इस समापन को संतोष के साथ देखता है; यह एक अनुस्मारक है कि सद्भावना की जीत होने पर सबसे लंबे विवादों का भी समाधान निकल सकता है."
स्कूली बच्चों को मिठाई बांटने का दिया आदेश
इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों कंपनियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय और दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (DSLSA) की निगरानी में, दिवाली से पहले कन्फेक्शनरी उत्पादों का वितरण करें. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि सभी उत्पाद लागू FSSAI मानकों के अनुरूप होने चाहिए. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ये उत्पाद उनकी शेल्फ लाइफ के भीतर होने चाहिए. साथ ही ये सिर्फ सीलबंद पैकेट में ही वितरित किए जाएं.
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