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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जहां युवा नेताओं का जोश दिखाई दे रहा है, वहीं राज्य की राजनीति के कुछ अनुभवी चेहरे भी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर चुके हैं. जनता दल (यूनाइटेड) के कई वरिष्ठ नेता, जिनकी राजनीतिक यात्रा दशकों लंबी रही है, अब भी जनता के बीच सक्रिय हैं. उम्र के इस पड़ाव पर भी उनका जज़्बा किसी युवा प्रत्याशी से कम नहीं.
बिजेंद्र प्रसाद यादव- अनुभव और जनसेवा का प्रतीक
सुपौल विधानसभा से लगातार जीत दर्ज करने वाले बिजेंद्र प्रसाद यादव जदयू के सबसे अनुभवी चेहरों में से एक हैं. 79 वर्ष की उम्र में भी उनकी सक्रियता राजनीति में मिसाल हैं. वे 1990 से लगातार सुपौल के लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और अब 2025 में फिर उसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. समाजवादी विचारधारा से प्रभावित यादव कई महत्वपूर्ण विभागों का संचालन कर चुके हैं और नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में गिने जाते हैं.
हरिनारायण सिंह: 7 दलों का सफर और 9 बार की जीत
हरनौत विधानसभा से जदयू प्रत्याशी हरिनारायण सिंह का राजनीतिक सफर भी कम दिलचस्प नहीं है. 79 वर्ष की उम्र में भी वे पूरी ऊर्जा के साथ चुनावी मैदान में हैं. 1977 में जनता पार्टी के टिकट से राजनीति की शुरुआत करने वाले हरिनारायण अब तक सात राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ चुके हैं और नौ बार विजयी रहे हैं. यह सिलसिला उनके अनुभव और जनता के भरोसे का प्रमाण है.
पन्नालाल पटेल: बेलदौर के 5 बार के विजेता
खगड़िया जिले की बेलदौर विधानसभा सीट से 77 वर्षीय पन्नालाल पटेल एक बार फिर मैदान में हैं. वे पांच बार विधायक रह चुके हैं और इस बार 50 हजार वोटों के अंतर से जीत का दावा कर रहे हैं. पटेल की जमीनी पकड़ और जनता से जुड़ाव उन्हें इस चुनाव में फिर एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है.
अनिरुद्ध प्रसाद यादव: निर्मली के भरोसेमंद चेहरा
निर्मली विधानसभा से जदयू प्रत्याशी अनिरुद्ध प्रसाद यादव, 76 वर्ष की उम्र में चौथी बार चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं. वे लगातार तीन बार इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं और क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर उनकी अच्छी छवि बनी हुई है.
नरेंद्र नारायण यादव: कभी न हारे जाने वाले नेता
आलमनगर विधानसभा से सात बार लगातार जीतने वाले नरेंद्र नारायण यादव (74 वर्ष) बिहार की राजनीति के सबसे दिग्गज नेताओं में शामिल हैं. जयप्रकाश आंदोलन से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले यादव ने कभी हार का स्वाद नहीं चखा। उनकी ईमानदार छवि और जनता से गहरा संबंध उन्हें हर बार विजयी बनाता रहा है.
मैदान में ये वरिष्ठ चेहरे भी
जहानाबाद से चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी (73 वर्ष), पूर्व सांसद और जदयू प्रत्याशी हैं, जो एक बार फिर विधानसभा में वापसी की कोशिश में हैं. वहीं, फुलवारीशरीफ से श्याम रजक (71 वर्ष), बिहार की दलित राजनीति का मजबूत चेहरा माने जाते हैं. वे चार दशक से ज्यादा समय से सक्रिय हैं और कई बार मंत्री पद संभाल चुके हैं.
बता दें कि इन बुज़ुर्ग नेताओं की राजनीतिक यात्रा यह साबित करती है कि अनुभव, जनसेवा और भरोसे की ताकत उम्र से कहीं अधिक प्रभावशाली होती है. बिहार का चुनावी रण इस बार भी इन अनुभवी नेताओं के नेतृत्व और रणनीति से रंगीन होने वाला है.
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