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दिल्ली धमाके में इस्तेमाल की गई i20 कार को लेकर एक और खुलासा Photograph: (Social Media)
Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके की जांच जारी है. इस बीच जांचकर्ताओं ने विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार को लेकर एक और बड़ा खुलासा किया है. रिकॉर्ड के मुताबिक, जिस हुंडई i20 कार में धमाका हुआ उस कार को 11 साल में पांच बार बेचा गया था. उसके बाद ये कार अल फलाह मेडिकल कॉलेज मामले से जुड़े आरोपियों के हाथों में पहुंची थी. जानकारी के मुताबिक, नदीम ने यह कार सबसे पहले 18 मार्च, 2014 को गुरुग्राम के एक शोरूम से खरीदी थी. नई कार खरीदने के तीन साल बाद 2017 में, उसने इसे गुरुग्राम के शांति नगर निवासी सलमान को बेच दिया था. उसके बाद कार को सलमान ने अपने नाम पर पंजीकृत करा लिया था.
विस्फोट से पहले कई बार हुआ कार का एक्सचेंज
मार्च 2024 में, सलमान ने एक एक्सचेंज ऑफर के तहत एक पुरानी गाड़ी एजेंसी के जरिए कार एक्सचेंज की और उसे दिल्ली के ओखला निवासी देवेंद्र नाम के एक व्यक्ति को बेच दिया. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, देवेंद्र के नाम पर आधिकारिक तौर पर ट्रांसफर पूरा नहीं हुआ था. बाद में, देवेंद्र ने उसी कार को एक अन्य एक्सचेंज डील के तहत फरीदाबाद के सेक्टर 37 स्थित रॉयल कार जोन के मालिक अमित पटेल को बेच दिया.
अंतिम बिक्री पुलवामा कनेक्शन से जुड़ी
अमित पटेल के मुताबिक, उन्होंने कार को OLX पर बिक्री के लिए डाल दिया. जहां आमिर राशिद और एक अन्य व्यक्ति 29 अक्टूबर, 2025 को इसका निरीक्षण करने पहुंचे. पटेल ने बताया कि उन्होंने कार को इसे तुरंत खरीदने का फैसला किया. यह लेन-देन डीलरशिप के एक कर्मचारी सोनू नामक व्यक्ति द्वारा किया गया, जिसे सौदा कराने के लिए 10,000 रुपये का कमीशन मिला था.
आमिर ने खरीदारी के दौरान अपना आधार और पैन कार्ड भी दिया. दोनों में उसका पता जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का था. कार की बिक्री 1.70 लाख रुपये में हुई और उसी शाम लगभग 4:15 बजे उन्होंने कार उसे सौंपर दी. सूत्रों से पता चला है कि फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज से जुड़े डॉ. उमर नबी ने आमिर के माध्यम से कार की खरीद के लिए धन मुहैया कराया था.
आईईडी की योजना शुरू हुई
जांच में पता चला है कि कार खरीदने के बाद, आमिर ने उसे उमर को सौंप दिया. गाड़ी का बीमा अभी भी वैध था, लेकिन उसका प्रदूषण प्रमाणपत्र समाप्त हो चुका था. इसके लिए उसने गाड़ी लेकर भागने से पहले पास के एक पेट्रोल पंप पर प्रमाणपत्र का नवीनीकरण कराया. पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC) का हस्तांतरण विस्फोट से 20-25 दिन पहले पूरा होना था. जांचकर्ताओं ने पुष्टि की कि कार अभी भी आधिकारिक तौर पर सलमान के नाम पर पंजीकृत है. सूत्रों ने बताया कि इसमें शामिल एक संदिग्ध अल फलाह विश्वविद्यालय में प्लंबर के रूप में काम करता था.
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