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कैसे रची थी दिल्ली समेत चार शहरों को दहलाने की साजिश?
Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार को हुए धमाके में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. इस बीच आतंकियों की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, आठ लोगों ने चार कारों में विस्फोटक लगाकर दिल्ली समेत चार शहरों को दहलाने की साजिश रची थी. इसके लिए डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील, उमर और शाहीन ने मिलकर करीब 20 लाख रुपये की नकदी जुटाई थी. उन्होंने ये रकम उमर को दे दी थी.
चार कारों से रची थी दिल्ली को दहलाने की साजिश
खुफिया सूत्रों का कहना है कि दिल्ली विस्फोट के आरोपियों ने कई स्थानों पर हमले के लिए कई और भी वाहन तैयार करने की योजना बनाई थी. खुफिया एजेंसियों ने गुरुवार को बड़ी आतंकी साजिश का खुलासा करते हुए इस बात की जानकारी दी. जिसमें बताया गया कि कई जगहों पर हमलों को अंजाम देने के लिए विस्फोटकों से लदे और घातक वाहनों की साजिश रची गई थी.
खुफिया एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, लाल किले के पास हुए धमाके की जांच का दायरा तब और बढ़ गया जब पता चला कि आरोपियों ने हमलों में संभावित इस्तेमाल के लिए एक i20 और एक लाल रंग की इकोस्पोर्ट गाड़ी को मॉडिफाई करने का काम शुरू कर दिया था. जांचकर्ता अब इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या सिलसिलेवार धमाकों को अंजाम देने की किसी बड़ी साजिश के तहत आतंकी इसी तरह के अन्य वाहन भी तैयार कर रहे थे.
एक खुफिया सूत्र ने न्यू एजेंसी एएनआई को बताया, "i20 और इकोस्पोर्ट के बाद, यह पता चला कि दो और पुराने वाहनों को तैयार करने की तैयारी चल रही थी, जिनमें विस्फोटक लगाए जा सकते थे."
आठ संदिग्धों ने रची थी सिलसिलेवार धमाकों की साजिश
इसके साथ ही जांच एजेंसियों को ये भी पता चला है कि लगभग आठ संदिग्धों ने कथित तौर पर चार स्थानों पर सिलसिलेवार धमाके करने की साजिश रची थी और उसके लिए वे तैयारी कर रहे थे. इन आठों लोगों को दो-दो की जोड़ी में शहर को निशाना बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी. प्रारंभिक जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि आरोपी समूहों का इरादा जोड़े यानी दो-दो लोगों के जाने का था. प्रत्येक समूह एक साथ हमले करने के लिए कई विस्फोटक उपकरण (IED) लेकर चल रहा था.
साजिश में पिछले आतंकी हमलों से जुड़े लोगों के शामिल होने का शक
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, जांच के दायरे में आने वालों में पिछले आतंकी मामलों से जुड़े लोग भी शामिल हैं, जिनमें लाल किले के पास धमाके के आरोपी डॉ. मुज़म्मिल, डॉ. अदील, डॉ. उमर और शाहीन भी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस देश के कई शहरों में सिलसिलेवार विस्फोटों की योजना से जुड़ी एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करने में सफल रही.
डॉ. मुजम्मिल, अदील, उमर और शाहीन ने जुटाए थे 20 लाख रुपये
सूत्रों से पता चला है कि आरोपियों ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये नकद जुटाए थे. ये रकम डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील, उमर और शाहीन ने जुटाई थी. जिसे उमर को दिया गया था. इन पैसों का इस्तेमाल कथित तौर पर गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से लगभग 3 लाख रुपये मूल्य के 20 क्विंटल एनपीके उर्वरक (नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P) और पोटेशियम (K) का मिश्रण खरीदा था. जिसका इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री बनाने में किया जा सकता था. एनपीके उर्वरक खरीदने का मकसद आईईडी तैयार करना था. जांचकर्ताओं ने यह भी खुलासा किया है कि उमर ने अपनी गतिविधियों को सुरक्षित रूप से चलाने के लिए दो से चार सदस्यों वाला एक सिग्नल ऐप ग्रुप बनाया था.
मारे गए आतंकियों के सहयोगियों के संपर्क में था डॉ. मुजम्मिल
जांच एजेंसियों के मुताबिक, डॉ. मुज़म्मिल 2021 और 2022 के बीच मारे गए आतंकवादियों के सहयोगियों के साथ संपर्क में था. इसके बाद वह ISIS की एक शाखा, अंसार गजवत-उल-हिंद की ओर आकर्षित हुआ था. उसे इरफ़ान उर्फ़ मौलवी नाम के एक व्यक्ति ने इस नेटवर्क से परिचित कराया था. माना जा रहा है कि 2023 और 2024 में बरामद हथियार इस मॉड्यूल द्वारा एक अलग आतंकवादी समूह बनाने की तैयारी के तहत हासिल किए गए थे.
आतंकी नेटवर्क का पता लगाने में जुटी एजेंसियां
अब जांच एजेंसियां आतंकियों के व्यापक नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हैं, उन्हें संदेह है कि आरोपियों ने निकट भविष्य में हमले को अंजाम देने की योजना बनाई थी. इस बीच, बुधवार को फरीदाबाद पुलिस ने लाल रंग की इकोस्पोर्ट (DL 10 CK 0458) कार को भी जब्त कर लिया. जिसके दिल्ली विस्फोट मामले के मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी से जुड़े होने का संदेह है. डॉ. उमर से जुड़ी होने का संदेह वाली लाल रंग की इकोस्पोर्ट फरीदाबाद के खंडावली गांव के पास खड़ी मिली है.
इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को पुष्टि की कि लाल किले के पास कार विस्फोट करने वाला व्यक्ति डॉ. उमर उन नबी ही थी. फोरेंसिक डीएनए परीक्षण के बाद उसके जैविक नमूने का उसकी मां के नमूने से मिलान हो गया है. उसके बाद इस बात की पुष्टि हुई थी कि धमाके वाली कार में डॉ. उमर ही बैठा हुआ था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया कि विस्फोट के बाद, उमर का पैर कार के स्टीयरिंग व्हील और एक्सीलेटर के बीच फंसा हुआ मिला. जिससे पता चलता है कि विस्फोट के समय वह गाड़ी चला रहा था.
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