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Delhi Metro Station ( Photo Credit : IANS )
Coronavirus (Covid-19):कोरोना वायरस (Coronavirus Epidemic) के चलते बंद हुई दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) 7 सितंबर से फिर से चलने लगेगी. इसको लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वहीं यात्रियों के लिए मेट्रो में सफर करना पहले की तरह उतना आसान नहीं होगा. यात्रियों को मेट्रो में नियमों का पालन करना होगा. यदि कोई यात्री ऐसा नहीं करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि कंटेटमेंट जोन के अलावा अगर यात्री किसी स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं तो उन स्टेशनों पर भी मेट्रो नहीं रोकी जाएगी. यात्रियों को मेट्रो में सफर करने से पहले हर स्टेशन के एंट्री पॉइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन से गुजरना होगा. वहीं यात्री अपने साथ सिर्फ 30 एमएल की पॉकेट साइज हैंड सैनिटाइजर बॉटल ही रख सकेंगे. यदि 30 एमएल से अधिक मात्रा में हैंड सेनिटाइजर रखकर कोई यात्री सफर करने की कोशिश करता है तो उसे अनुमति नहीं दी जाएगी.
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45 प्रमुख स्टेशनों पर हैंड सेनिटाइजेशन मशीन की व्यवस्था
45 प्रमुख स्टेशनों पर 'ऑटो थर्मल के साथ हैंड सेनिटाइजेशन मशीनों' की व्यवस्था की गई है. बाकी मेट्रो स्टेशंस पर 'ऑटो सैनिटाइजर डिस्पेंसर्स' लगे होंगे. इसके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग मैनुअली की जाएगी. जिन यात्रियों में कोविड के लक्षण दिखाई देंगे उन्हें मेट्रो में यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी. मेट्रो के स्टेशन में दाखिल होते ही आपके बैग को भी सैनिटाइज करने का इंतजाम किया गया है. वहीं मास्क लगाना सभी यात्रियों के लिए अनिवार्य होगा. ऐसा नहीं करते हैं तो उस यात्री पर कार्रवाई की जाएगी. 'ऑटो थर्मल स्क्रीनिंग कम हैंड सैनिटाइजेशन मशीन' पैसेंजर के सामने आते ही तापमान नाप लेगी.
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टेम्प्रेचर ज्यादा होने पर यात्री को मेट्रो में सवार होने नहीं दिया जाएगा
अगर टेम्प्रेचर ज्यादा हुआ तो यात्री को मेट्रो में सवार होने नहीं दिया जाएगा. उसे नजदीकी मेडिकल सेंटर जाने को कहा जाएगा, मेट्रो स्टेशंस पर लिफ्ट के पास एक 'पैडल स्विच' लगाया गया है. यात्री को लिफ्ट बुलाने के लिए बस पैर से इस बटन को दबाना होगा. यात्रियों को एक-दूसरे से हमेशा 1 मीटर की दूरी बनाए रखनी होगी. फ्रिस्किंग पॉइंट्स, कस्टमर केयर, एएफसी गेट्स समेत सभी जगहों पर निशान बनाए गए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.
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मेट्रो परिसर को एक निर्धारित समय सीमा पर सेनिटाइज किया जाता रहेगा और अधिकतर उन चीजों को किया जाएगा जो कि इंसानों के सबसे ज्यादा संपर्क में आएगी. जैसे लिफ्ट, एस्केलेटर की हैंड रेट्स, एएफसी गेट्स के टच पॉइंट्स हों या कस्टमर हैंडलिंग पाइंट्स. मेट्रो के अंदर नियमित रूप से अनाउसमेंट होती रहेगी जिससे कि यात्री सफर करते वक्त नियमों का पालन कर सके. दिल्ली मेट्रो ने गुरुवार को परिचालन का ट्रायल किया जिसमें मीडियाकर्मियों को भी शामिल किया गया.