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Delhi MCD Mayor: AAP और हुई मजबूत, कांग्रेस के दो पार्षदों ने थामी झाड़ू

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाल में हुए एमसीडी चुनावों में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत अर्जित की है.

Updated on: 09 Dec 2022, 05:49 PM

highlights

  • दिल्ली एमसीडी में मजबूत हुई आम आदमी पार्टी
  • आप को मिला दो और पार्षदों का साथ
  • कांग्रेस के दो पार्षद आप में हुआ शामिल

 

नई दिल्ली:

Delhi MCD Mayor: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाल में हुए एमसीडी चुनावों में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत अर्जित की है. इस जीत के साथ ही आम आदमी पार्टी के समर्थकों और कर्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है. हालांकि इस उत्साह के साथ-साथ प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने उन्हें छोटी सी चिंता भी दे दी है. बीजेपी के कुछ नेताओं के इस बयान ने सियासी पारा हाई कर दिया कि, आप ने चुनाव तो जीत लिया, लेकिन अभी मेयर का चयन होना बाकी है. लिहाजा इसको लेकर कयास लगने शुरू हो गए थे, कि क्या मेयर बीजेपी का हो सकता है. बहरहाल इन सब अटकलों के बीच आम आदमी पार्टी और मजबूत हो गई है. चुनाव नतीजों के दो दिन बाद ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि कांग्रेस को पार्षदों ने आम आदमी पार्टी की झाड़ू थाम ली है. यानी दो पार्षद आप में शामिल हो गए हैं. 

आप का किला और मजबूत
भारतीय जनता पार्टी के लगातार 15 वर्ष के कार्यकाल को आम आदमी पार्टी ने खत्म करते हुए. इस बार 250 नगर निगम की सीटों पर बेहतरीन जीत दर्ज की. आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में कुल 134 सीट मिलीं. जबकि बहुमत का जादुई आंकड़ा 126 था. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने आसानी बहुमत भी हासिल कर लिया. वहीं बीजेपी की बात करें तो उन्हें 104 सीट से ही संतोष करना पड़ा. जबकि, कांग्रेस इस चुनाव में सिंगल डिजिट में ही सिमट गई. कांग्रेस के हाथ आई सिर्फ 9 सीट. इसके साथ ही तीन निर्दलीय भी इस चुनाव में जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं. लेकिन दो कांग्रेस पार्षदों के आप में शामिल होने के साथ ही आप का किला और भी मजबूत हो गया है. ऐसे में मेयर के चयन के दौरान उनकी स्थिति और भी मजबूत होगी.

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इन पार्षदों ने छोड़ी कांग्रेस
आम आदमी पार्टी का दामन थामने वाले पार्षदों में मुस्तफाबाद से काउंसलर सबिला बेगम हैं, जबकि दूसरे पार्षद ब्रिजपुरी से हैं इनका नाम है नाजिया खातून. दोनों ही पार्षद महिला हैं. 

इतना आसान नहीं
आम आदमी पार्टी भले ही सीटों के साथ मजबूत स्तिथि में है. लेकिन राह में बीजेपी रोड़ा बन सकती है. दरअसल मेयर के चयन में पार्षदों के साथ-साथ मनोनित विधायक और सांसद भी शामिल होते हैं. हालांकि इनकी संख्या बल को देखा जाए तो यहां भी आम आदमी पार्टी का ही पलड़ा भारी है. लेकिन एल्डरमैन की भूमिका को लेकर अब तक स्तिथि साफ नहीं है. एल्डरमैन 2015 तक तो किसी को भी वोट नहीं कर सकते थे. तीन एमसीडी में 10-10 एल्डरमैन होते थे. लेकिन कांग्रेस नेता ओनिका मल्होत्रा ने इसको लेकर कोर्ट में याचिका दी और इसको लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है. यहां से आप को थोड़ी मुश्किल हो सकती है. अगर एल्डरमैन को वोट देने का अधिकार मिल गया तो. 

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