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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और कोरोना मामले पर पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कही ये बात

सत्येंद्र जैन ने ये भी कहा कि  अगर ये सारा प्रदूषण दिल्ली का होता तो 12 में से 9 महीने दिल्ली कैसे साफ रहती. ये जो प्रदूषण आ रहा है सबको पता है,दिल्ली के अलावा गुरुग्राम हो गाज़ियाबाद नोएडा काफी दूर दूर तक कानपुर तक यही हाल है जिसकी बड़ी वजह पराली है.

Updated on: 26 Oct 2020, 01:02 PM

नई दिल्ली:

राजधानी में इन दिनों जहरीली हवा ने दिल्लीवासियों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है. बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली में हर दिन हवा का स्तर बेहद खराब होता जा रहा है. ऐसे में न्यूज नेशन की टीम ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से खास बातचीत की.  उन्होंने कोरोना संक्रमित मामलों के साथ प्रदूषण से भी जुड़े कई सवालों का जवाब दिया. 

सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर कहा कि एक्सपर्ट कमेटी ने पहले ही कहा था सर्दियों में प्रदूषण और ज्यादा सर्दी के कारण कोरोना का नंबर बढ़ने की बात कही थी. उन्होंने तो 12 हज़ार के करीब का आंकड़ा दिया था.

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वहीं कोरोना पर उन्होंने कहा कि नंबर बढ़ने का एक कारण 1 पॉजिटिव आने के बाद उसके कांटेक्ट में आए सभी लोगो का टेस्ट कराया जाता है ताकि एक भी संक्रमित छूट ना जाए. हम तैयार है बिल्कुल अगर ओर भी मामले बढ़ते है अभी 2/3 बेड्स पेशेंट्स के लिए उपलब्ध है.

सत्येंद्र जैन ने आगे कहा कि प्रदूषण और कोरोना से बचाव मास्क लगाने से होगा बहुत लोग ढिलाई बरत रहे है, क्योंकि कई महीनों से मास्क लगा रहे है लेकिन लोगो को कुछ महीने अभी और मास्क लगाना होगा.

स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी कहा कि अगर ये सारा प्रदूषण दिल्ली का होता तो 12 में से 9 महीने दिल्ली कैसे साफ रहती. ये जो प्रदूषण आ रहा है सबको पता है,दिल्ली के अलावा गुरुग्राम हो गाज़ियाबाद नोएडा काफी दूर दूर तक कानपुर तक यही हाल है जिसकी बड़ी वजह पराली है.

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उन्होंने कहा कि हम लोगो को जागरूक करने के लिए काम कर रहे है. इसके अलावा अंदरूनी मामलों पर भी हम काम कर रहे है लेकिन बाहरी इश्यूज पर सबको मिल बैठ कर काम करना होगा जिसके लिए केंद्र को इसके लिए आगे आना होगा.

बता दें कि सर्दियों आते ही दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. खासतौर पर पीएम 10 जैसे हेवी पार्टिकल्स खतरनाक स्तर तक पहुंच सकते हैं. इस वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान की सरकारों से ईंट-भट्टों, थर्मल पावर स्टेशनों और पराली की समस्या को नियंत्रित करने का आग्रह किया है.