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दिल्लीः सिसोदिया ने की 12वीं के छात्रों को वैक्सीन देने की वकालत, कहा- एक्सपर्ट से बात करे केंद्र

मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बैठक में रखी अपनी राय रखते हुए कहा कि 3 साल के एग्जाम में मिले अंकों के अनुपात के आधार पर 12वीं के बच्चों को पास किया जाए. सिसोदिया ने कहा कि जो बच्चे इस अनुपात से सहमत नहीं है, सिर्फ उनके लिए ही एग्जाम का विकल्प रखा जाए.

Updated on: 23 May 2021, 04:28 PM

highlights

  • सिसोदिया ने की 12वीं के छात्रों को वैक्सीन लगाने की वकालत
  • बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते- सिसोदिया

नई दिल्ली:

कोरोना (Coronavirus) की वजह से इस साल 12वी कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अभी संशय बना हुआ है, सरकार ने अभी तक फैसला नहीं किा है कि परीक्षाएं होंगी या टाली जाएंगी. इस बीच दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने सुझाव दिया है कि एक्सपर्ट से बात करके केंद्र 12वीं के बच्चों को वैक्सीन लगाने का फैसला ले. सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बैठक में रखी अपनी राय रखते हुए कहा कि 3 साल के एग्जाम में मिले अंकों के अनुपात के आधार पर 12वीं के बच्चों को पास किया जाए. सिसोदिया ने कहा कि जो बच्चे इस अनुपात से सहमत नहीं है, सिर्फ उनके लिए ही एग्जाम का विकल्प रखा जाए.

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बैठक में सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए जरूरी नहीं है कि पारंपरिक रूप से दी जाने वाली परीक्षाओं को इस बार भी 12वीं के बच्चों द्वारा दिलवाया जाए. सिसोदिया ने बताया कि बैठक में ये सभी ने माना कि ये अभूतपूर्व संकट है और इसमे परीक्षा कराना आसान नहीं है. केंद्र की ओर से दो प्रस्ताव राज्यो की ओर रखे गए थे. पहला ये कि हम 12 वीं क्लास की परीक्षा लें लेकिन कुछ चुने हुए सब्जेक्ट्स की. इन सब्जेक्ट्स की परीक्षा में आए मार्क्स के आधार पर मूल्यांकन करें. और दूसरा ये कि परीक्षा लें लेकिन उसका तरीका थोड़ा अलग हो. स्कूल में ही परीक्षा हो, 3 घन्टे की जगह डेढ़ घन्टे की ही परीक्षा हो. सारे विषयों की परीक्षा न हों, बच्चे चुन लें किन सब्जेक्ट्स की परीक्षा देनी है.

सिसोदिया ने कहा कि मैंने केंद्र से ये अपील की है कि परंपरागत शिक्षा व्यवस्था का पालन करने के चक्कर में हम अपने बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते. मैंने केंद्र से अपील की है कि हम बच्चों का वैक्सीनेशन कराएं. केंद्र से हमारा निवेदन है कि डेढ़ करोड़ बच्चों के लिए और डेढ़ करोड़ टीचर्स के लिए वैक्सीन लाई जाए. ऐसी वैक्सीन लाएं जो बच्चों को लगाई जा सकती है. 12वीं कक्षा के ज्यादातर बच्चे या तो 18 साल के हैं या साढ़े 17 साल के हैं. क्या साढ़े 17 साल की उम्र वाले बच्चों को हम वैक्सीन लगा सकते हैं, इस बात पर डॉक्टर्स और विशेषज्ञों से राय लें और अगर ऐसा हो सकता है तो सबसे पहले 12वीं के बच्चों को वैक्सीन लगवाने की तैयारी करें.

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सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने फाइजर (Pfizer) से बात की है लेकिन उनका कहना है कि वो अभी केंद्र से ही बात कर रहे हैं. यदि हमें वैक्सीन मिल जाए तो हम 2 दिन में दिल्ली के सारे 12वीं क्लास के बच्चों वैक्सीन हम लगा सकते हैं. केंद्र सरकार यह जिम्मेदारी निभाएं की PFIZER से बात करके देश के डेढ़ करोड़ बच्चों के लिए वैक्सीन लेकर आएं और उनको लगवाएं. अगर यह वैक्सीन नहीं मिलती है तो जो देश में वैक्सीन युवाओं के लिए जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह 18 साल से ऊपर के बच्चों के लिए है. उसे ही 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक्सपर्ट से बात करे.