Delhi Assembly Election 2025 : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है. दिल्ली की सभी 70 सीटों पर आज ही चरण में चुनाव संपन्न करा लिया जाएगा. इस दौरान दिल्ली के 1.56 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे और लगभग 700 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. क्योंकि माहौल चुनाव का है तो ऐसे में दिल्ली इलेक्शन को लेकर कुछ ऐसी सीटों पर नजर डालते हैं, जिन पर राजधानी ही नहीं, बल्कि पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में एक ऐसी भी सीट है, जिससे जीतने वाले उम्मीदवार के दल ही सरकार बनती है. ऐसा हम नहीं, बल्कि दिल्ली चुनाव का इतिहास बता रहा है. यहां हम बात कर रहे हैं नई दिल्ली विधानसभा सीट की.
क्या कहता है दिल्ली का चुनावी इतिहास
दिल्ली के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो विधानसभा के गठन के बाद 1993 में पहली बार चुनाव हुए. उस समय नई दिल्ली नाम से कोई सीट असतित्व में नहीं थी. बल्कि यह गोल मार्केट सीट का हिस्सा हुआ करती थी. 2008 में परिसीमन के बाद नई दिल्ली विधानसभा सीट वजूद में आई. इस बीच दिल्ली में सात बार हुए विधासभा चुनाव में तीन-तीन बार कांग्रेस और आप व एक बार बीजेपी को जीत हासिल हुई. यहां रोचक बात यह है कि गोल मार्केट और उसके बाद नई दिल्ली सीट से जिस भी पार्टी का कैंडिडट जीता, उसी पार्टी की सरकार भी बनी. यहां से 1998, 2003 और 2008 में शीला दीक्षित और 2013, 2015, 2020 में अरविंद केजरीवाल चुनाव जीते और सीएम बने.
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कांग्रेस ने खेली थी लंबी पारी
1993 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश के दर्जा मिलने के बाद यहां हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने गोल मार्केट सीट से पूर्व क्रिकेटर कीर्ति झा आजाद को टिकट दिया था. बीजेपी और कांग्रेस के बीच हुई कांटे की टक्कर में कीर्ति आजाद ने कांग्रेस के ब्रिज मोहन भामा को 3803 वोट से हराया था. 1998 में दिल्ली चुनाव गोल मार्केट सीट से बीजेपी के कीर्ति आजाद के सामने कांग्रेस ने शीला दीक्षित को मैदान में उतारा. यहां शीला दीक्षित ने बीजेपी प्रत्याशी आजाद को 5600 से ज्यादा वोटों से हराया और विधायक बनने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री चुनी गईं. इसके बाद 2003 और 2008 में शीला दीक्षित ने इतिहास दोहराया और जीत हासिल कर दिल्ली की सीएम बनीं.
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आप ने दर्ज की पहली जीत
दिल्ली की सियासत के लिए साल 2013 एक बड़ा बदलाव लेकर आया. यह चुनाव इस लिए काफी अहम था क्योंकि कांग्रेस-भाजपा के अलावा भ्रष्टाचार मूवमेंट से निकली आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की.नई दिल्ली विधानसभा सीट पर तो मुकाबला और भी रोचक रहा. यहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस की कद्दावर नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हरा दिया. आप मुखिया केजरीवाल ने 25,864 वोट से यह चुनावी बाजी अपने नाम की. आप को 44,269 और कांग्रेस को 18,405 वोट मिले. इस सफलता के साथ अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने.