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Delhi HC Arvind Kejriwal( Photo Credit : News Nation)
देश में एक बार फिर कोरोना (Coronavirus) के केसों में रोजाना वृद्धि हो रही है. कोरोना से बिगड़ते हालात और ऑक्सीजन की कमी (Oxygen Shortage) को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में मंगलवार को सुनवाई हुई. शांति मुकुंद हॉस्पिटल (Shanti Mukund Hospital) की ओर से पेश वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में दलील पेश करते हुए कहा कि मुझे 3.2 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन होना तय हुआ है, जबकि 4 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. लेकिन मुझे सप्लाई 2.69 मीट्रिक टन की हुई. INOX के बजाए अब लिंडे ऑक्सीजन सप्लाई कर रहा है.
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'नहीं संभाल पा रहे हो तो केंद्र को दे दें जिम्मेदारी'
ऑक्सीजन किल्लत की हॉस्पिटल की कॉल पर नोडल अधिकारी के जवाब नहीं देने की शिकायत पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. हाई कोर्ट ने कहा कि बार-बार ऐसी शिकायत आने का मतलब है कि कुछ गड़बड़ है. ऐसी व्यवस्था बनाने का फायदा क्या, जो हॉस्पिटल को कोर्ट आना पड़े. HC ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर वेंडर्स ने चीफ सेक्रेटरी के साथ मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि अगर वो आदेश नहीं मान रहे तो उन्हें कस्टडी में लीजिए. आपके पास उनके खिलाफ एक्शन का अधिकार है. इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि आप से स्थिति नहीं संभल रही तो हमें बताइए, हम केंद्र को संभालने के लिए कहेंगे.
'आप पर हमारा विश्वास हिल गया'
हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन के डिस्ट्रिब्यूशन के लिए ही नहीं ऑक्सीजन सिलेंडर्स के लिए भी कमर कसनी चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि आप पर हमारा विश्वास हिल गया है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के उस आदेश पर भी हैरानी जताई जिसमें कहा गया है कि हॉस्पिटल को सभी इमरजेंसी मरीजों को 10 मिनट के अंदर देखकर ऑक्सीजन/मेडिसिन उपलब्ध करानी होगी. ऐसा न होने की सूरत में मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में रेफर करना होगा. हॉस्पिटल की ओर से पेश वकील का कहना था कि ये आदेश अव्यवहारिक है, इसके चलते हम मरीजों को भर्ती नहीं कर पा रहे हैं.
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कोर्ट ने खारिज कर दिया आदेश
कोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस आदेश को भी खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के आदेश की वैसे जरूरत नहीं है. इससे ऐसा लगता है कि हॉस्पिटल अपना काम नहीं कर रहे. मानो डॉक्टर, नर्स खाली बैठे हैं ये बेवजह हॉस्पिटल पर दबाव बनाना हुआ. दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार के आदेश पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि आप ऐसा आदेश कैसे पास कर सकते हैं. इसका मतलब जिनको अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं हो पाया, उन्हें ये इंजेक्शन नहीं मिलेगा. ये तो लोगों की ज़िंदगी से खेलना हुआ. आप ये क्यों मान बैठे हैं कि लोग अपनी मर्जी से इसे इस्तेमाल कर रहे हैं. लोग ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन ले रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- कोरोना से बिगड़ते हालातों को लेकर HC ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई
- हाईकोर्ट ने कहा- 'नहीं संभाल पा रहे हो तो हम केंद्र को दे दें जिम्मेदारी'