Delhi News: राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है. नंद नगरी बस डिपो में दिल्ली का पहला ऑटोमेटेड बस टेस्टिंग सेंटर तैयार किया जा रहा है, जिसका शिलान्यास आज मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया. इस सेंटर की मदद से अब बसों की फिटनेस जांच पूरी तरह से ऑटोमेटिक मशीनों से की जाएगी, जिससे जांच प्रक्रिया पारदर्शी और सटीक हो सकेगी.
कितना अत्याधुनिक है टेस्टिंग सेंटर
इस अत्याधुनिक टेस्टिंग सेंटर में बसों के ब्रेक, स्टीयरिंग, सस्पेंशन, एक्सॉस्ट सिस्टम और इंजन आदि की जांच बिना मानवीय हस्तक्षेप के की जाएगी. मशीनें यह तय करेंगी कि कोई बस फिटनेस मानकों पर खरी उतरती है या नहीं. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि दिल्ली की सड़कों पर चलने वाली बसें पूरी तरह सुरक्षित हों और किसी भी प्रकार की तकनीकी खामी से यात्रियों की जान खतरे में न पड़े.
और भी कई जगह स्थापित किए जाएंगे सेंटर
मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले दिनों में ऐसे और भी ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर विभिन्न बस डिपो में स्थापित किए जाएंगे. इन केंद्रों की स्थापना से न सिर्फ जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि मानव त्रुटियों की संभावना भी कम होगी. इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि फिटनेस फेल होने वाली बसें समय रहते सुधार ली जाएं.
ये है योजना का उद्देश्य
इस योजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाना भी है. विशेषज्ञों का मानना है कि लोकल ट्रैफिक से होने वाला प्रदूषण दिल्ली के वायु प्रदूषण में एक बड़ा योगदान देता है. ऐसे में इन टेस्टिंग सेंटर्स की मदद से न केवल बसों की तकनीकी खामियों को समय रहते सुधारा जाएगा, बल्कि उन बसों की भी पहचान होगी जो प्रदूषण फैलाने में योगदान देती हैं.
इस नई व्यवस्था से यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद यात्रा अनुभव मिलेगा. साथ ही दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की छवि भी एक तकनीकी रूप से उन्नत और जिम्मेदार संस्था के रूप में मजबूत होगी.
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