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बिहार के युवाओं को दूसरे राज्यों में झेलनी पड़ती है ज़लालत: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर कहा कि लालू प्रसाद यादव हों या कोई और नेता, उन्होंने जाति के नाम पर सिर्फ राजनीति की है. जाति की राजनीति करनेवालों ने  अपनी जाति के लोगों का नहीं बल्कि उनके नाम पर सिर्फ अपने परिवार का भला किया है.

Updated on: 15 Jan 2023, 09:32 PM

highlights

  • प्रशांत किशोर ने नीतीश-लालू पर बोला हमला
  • जाति के नाम पर परिवार को बढ़ाया आगे
  • बिहार के युवाओं को झेलनी पड़ती है जलालत
  • बिहार के नेताओं ने जाति के नाम पर की राजनीति
  • स्कूल में बच्चों को मिलते हैं कीड़े वाले चावल की खिचड़ी

East Champaran:

बिहार के  शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के द्वारा रामचरितमानस के खिलाफ दिए गए बयान के बीज पीके ने लालू यादव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. जन सुराज यात्रा के जरिए प्रशांत किशोर लगातार लोगों से सम्पर्क कर रहे हैं. आज वो पूर्वी चंपारण में के केसरिया में लोगों से सम्पर्क करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य रूप से लालू यादव पर हमला बोला. प्रशांत किशोर कहा कि लालू प्रसाद यादव हों या कोई और नेता, उन्होंने जाति के नाम पर सिर्फ राजनीति की है. जाति की राजनीति करनेवालों ने  अपनी जाति के लोगों का नहीं बल्कि उनके नाम पर सिर्फ अपने परिवार का भला किया है.

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बच्चे खा रहे कीड़े वाले चावल की खिचड़ी

प्रशांत किशोर ने लोगों को संबोधित करते हु एकहा कि बिहार के लोग अपने बच्चों की पीड़ा को अभी नहीं समझ पा रहे हैं. आज भी बच्चे स्कूलों में मध्यांतर भोजन में कीड़े वाले चावल से बने खिचड़ी खाने को मजबूर हैं. बिहार को लोग जाति धर्म के बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. बिहार में बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है. ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. लोगों को अपने बच्चों की फिक्र स्वयं करनी होगी. पीके ने लोगों से आने वाले चुनाव में सोच समझकर किसी भी नेता के लिए वोट देने की अपील की है.

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बिहार के युवाओं को झेलनी पड़ती है जलालत

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार के युवाओं को दूसरे राज्यों में नौकरी करने के लिए जाना पड़ता है. उन्हें जलालत भरी जिंदगी गुजारनी पड़ती है. पीके ने लोगों से सवालिया लहजे में पूछा कि क्या आप अपने बच्चों को मजदूर बनाने के लिए पैदा करते हो? आपके बच्चों को दूसरे राज्यों में बेइज्जती झेलनी पड़ती है. अगर बिहार के लोग जाग जाएं तो जो युवा आज दूसरे राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं वहीं अपने घर लौटकर फैक्ट्री लगा सकते हैं.