logo-image

समर्थकों संग राजीव रंजन ने थामा JDU का दामन

30 दिसंबर 2022 को बिहार बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रहे राजीव रंजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

Updated on: 15 Jan 2023, 06:52 PM

highlights

  • राजीव रंजन ने समर्थकों संग थामा जेडीयू का दामन
  • ललन सिंह की मौजूदगी में जेडीयू में हुए शामिल
  • 30 दिसंबर 2022 को कई आरोप लगाकर बीजेपी का छोड़ा था साथ

Patna:

आज पटना के जेडीयू कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजीव रंजन सिंह “ललन” की उपस्थिति में पूर्व विधायक राजीव रंजन अपने सहयोगियों के साथ बीजेपी को छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए. बिहार जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में  सम्पन्न मिलन समारोह में बिहार सरकार के माननीय मंत्री श्री श्रवण कुमार, सांसद श्री कौशलेन्द्र कुमार, विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक श्री संजय गांधी, पूर्व मंत्री श्री हरिनारायण सिंह, विधायक श्री प्रेम मुखिया, विधानपार्षद श्रीमती रीना यादव पूर्व विधानपार्षद श्री राजू यादव, राष्ट्रीय महासचिव सुनील कुमार, प्रदेश महासचिव श्री चंदन कुमार सिंह, सचिव श्री वासुदेव कुशवाहा सहित बड़ी संख्या में पार्टी के नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे. इसके बाद सीएम नीतीश से मिलने उनके आवास पर गए.

 

Image

बता दें कि 30 दिसंबर 2022 को बिहार बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रहे राजीव रंजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. राजीव रंजन ने बिहार के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया था. साथ ही उन्होंने अपना इस्तीफा स्वीकार करने और बीजेपी के सभी पदों से खुद को मुक्त करने की अपील भी संजय जायसवाल से की थी. वहीं, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल द्वारा बताया गया था कि राजीव रंजन को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है.

Image

क्या लिखा था संजय जायसवाल को भेजे पत्र में?

राजीव रंजन ने संजय जायसवाल को लिए पत्र में कहा कि, बड़े ही खेदपूर्वक कहना है कि बिहार बीजेपी आज पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों व आदर्शों से पूरी तरह भटक चुकी है. प्रधानमन्त्री जी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ की बात केवल कहने तक ही सीमित हो चुकी है.' राजीव रंजन ने अपने इस्तीफा सह पत्र में आगे लिखा है कि आज बीजेपी में पिछड़ा, अतिपिछड़ा व दलित समाज के विरोधी तत्व पूरी तरह से हावी हो चुके हैं. जो नेता पिछड़े समाज के नहीं है वो भी पिछड़े समाज के नाम पर दशकों के सत्ता सुख का भोग कर रहे हैं. 

ये भी पढ़ें-बिहार BJP को तगड़ा झटका, राजीव रंजन ने उपाध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, पार्टी बोली-6 वर्ष के लिए किया गया सस्पेंड

राजीव रंजन ने पत्र सह इस्तीफा में आगे लिखा था कि पिछड़ा और अतिपिछड़ा व दलित समाज के नेताओं का उपयोग सिर्फ और सिर्फ पार्टी का झंडा ढोने तक रह गया है जोकि पीएम मोदी जी की नीतियों की उपेक्षा है और बिहार बीजेपी का एजेंडा सिर्फ पटना तक ही सीमित रह गया है. नालंदा और अन्य जिलों में उपेक्षा हो रही है. जनता के सवालों का हम जवाब तक नहीं द पा रहे हैं.

राजीव रंजन ने आगे लिखा था कि इसके अलावा और भी विषय हैं जिनपर मेरा पार्टी से मतैक्य नहीं है. कई विषयों को मैं इस पत्र में नहीं लिख रहा, लेकिन आनेवाले समय में उन्हें उठाता रहूँगा. इसीलिए मैं पार्टी के पद और सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं.