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बिहार के शव का UP में दाह संस्कार करने पर योगी सरकार ने लगाई रोक, जानें वजह

बिहार के शव को यूपी ले जाने पर यूपी गवर्नमेंट ने पूरी तरह से रोक लगा दिया है. सभी बॉर्डर इलाके में चैकपोस्ट बनाकर विधिवत पुलिस की तैनाती कर दी गई है और सभी शवों को एक-एक कर लौटाया जा रहा है.

Updated on: 13 May 2021, 11:26 PM

highlights

  • बिहार के शवों का यूपी में सरकार दाह संस्कार नहीं
  • सभी बॉर्डर इलाके में चैकपोस्ट बनाकर पुलिस की तैनाती कर दी गई
  • बिहार के तरफ से किसी भी शव के वाहन को यूपी में प्रवेश नहीं

 

कैमूर:

कोरोना महामारी के संकट से पूरा देश जूझ रहा है, तो सियासत भी खूब हो रही है. कोरोना संक्रमण की वजह से रोज हो रही लोगों की और उनके शव को लेकर राजनीति की अपनी एक अलग कहानी है. कोरोना काल में पहले वायरस लोगों की जान झीन रहा है, फिर उसके शव के दाह संस्कार को लेकर सियायत भी दिखाई दे रही है. दरअसल, बिहार के शवों का यूपी में दाह संस्कार करने पर यूपी सरकार ने रोक लगा दिया है. सोमवार शाम से ही यूपी सरकार ने पुलिस प्रशासन को बिहार से आने वाले शव को यूपी में प्रवेश नहीं दिए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. अब तक कैमूर के बिहार यूपी के बॉर्डर से एक दर्जन से अधिक शव को वापस कराया जा चुका है.

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बिहार के शवों का यूपी में सरकार दाह संस्कार नहीं

यूपी सरकार के इस फरमान के बाद कैमूर के लोगों ने भी कहा कि अगर बिहार के शवों का यूपी में सरकार दाह संस्कार नहीं करने देगी, तो हम लोग यूपी वालों को बिहार के गया में होने वाले पिंडदान को भी नहीं होने देंगे. उनको भी बॉर्डर पर रोकेंगे. बिहार और यूपी दोनों जगहों पर एनडीए गवर्नमेंट है. बक्सर के चौसा में नदी में तैरते लाश मिलने के बाद यूपी गवर्नमेंट ने बिहार के शव का दाह संस्कार पर यूपी में पूरी तरह से रोक लगा दिया है जिसके बाद वाहन बॉर्डर से वापस लौट रहे हैं.

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सभी बॉर्डर इलाके में चैकपोस्ट बनाकर पुलिस की तैनाती कर दी गई

बिहार के शव को यूपी ले जाने पर यूपी गवर्नमेंट ने पूरी तरह से रोक लगा दिया है. सभी बॉर्डर इलाके में चैकपोस्ट बनाकर विधिवत पुलिस की तैनाती कर दी गई है और सभी शवों को एक-एक कर लौटाया जा रहा है. यूपी के अधिकारियों की मानें तो सोमवार शाम से ही सरकार द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है. इसमें कैमूर के लोगों का हाल बहुत बुरा है. कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद जिले का सटा राज्य यूपी होने के कारण गंगा नदी के किनारे शव को जलाने की परंपरा है. जिससे दर्जनों शव प्रतिदिन  कैमूर के रास्ते होते हुए यूपी जाते हैं. लेकिन यूपी सरकार द्वारा रोक लगा देने के बाद अब लोग शव लेकर जाते तो है, लेकिन बिना दाह संस्कार किये वापस चले आते हैं.

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ग्रामीण बताते हैं कि हम लोग बाप दादा के जमाने से अगर गांव में किसी की भी मौत होती है तो यूपी में गंगा नदी के किनारे शव जलाकर अस्थियां गंगा में विसर्जित करते हैं. यह शुरू से ही परंपरा चली आ रही है. हम लोगों ने कभी नहीं सुना कि किसी के शव को कोई सरकार रोक दे. पहली बार ऐसा हो रहा है की शव लेकर लोग जा रहे हैं तो यूपी की पुलिस वापस लौटा दे रही है. कह रही है कि बिहार के शव का यूपी में दाह संस्कार नहीं होगा   जिससे खासा परेशानी हो रहा है. 

बिहार के तरफ से किसी भी शव के वाहन को यूपी में प्रवेश नहीं

यूपी बॉर्डर पर तैनात पुलिस के जवान बताते हैं उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया है कि बिहार के तरफ से किसी भी शव के वाहन को यूपी में प्रवेश नहीं करने दिया जाए. जिनके निर्देश का पालन करते हुए हम लोग सोमवार की रात से ही बिहार के तरफ से यूपी आने वाले शव वाहनों को रोककर उन्हें वापस बिहार भेज दे रहे हैं . वहीं, समाजसेवी सतीश यादव का कहना है कि कभी भी शव को रोकने की परंपरा नहीं रही है . जब शव एक बार घर से जलाने के लिए चला जाता है तो फिर लौटकर वापस नहीं आता.

योगी सरकार द्वारा पहली बार बिहार के शव को यूपी में दाह संस्कार करने पर रोक लगा दिया गया है. जिससे हम लोग सरकार को अल्टीमेटम देते हैं कि अगर सरकार बिहार के शव का यूपी में दाह संस्कार करने नहीं देगी तो हम लोग भी यूपी के लोगों का बिहार के गया में पिंडदान करने नहीं देंगे .समय रहते सरकार चेत जाए अन्यथा पिंडदान के समय हम लोग भी यूपी वालों की गाड़ियों को बिहार में प्रवेश वर्जित करेंगे .