कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के दौर में प्रवासी मजदूरों के घर लौटने का सिलसिला जारी है. परदेस से लौटकर घर पहुंचने से पहले मजदूरों को भूख प्यास की समस्या का सामना करना पड़ा रहा है. इस बीच बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में रेलवे स्टेशन पर एक महिला ने कथित तौर पर भूख प्यास की वजह से दम तोड़ दिया. इस दौरान रेलवे प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली. महिला का शव काफी देर तक स्टेशन पर यूं ही पड़ा रहा. इतना ही नहीं, महिला के छोटे-छोटे बच्चे भी स्टेशन पर भटकते दिखे.
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बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. साथ ही राजद ने लिखा, 'मुजफ्फरपुर स्टेशन पर बच्चा अपनी मां की लाश से खेल रहा है, जगा रहा है! इस सच्चाई से अनजान कि भारतीय रेल में चार दिन के भूखे प्यासे सफर ने मां की जान ले ली! अब रेल मंत्री और अधिकारी ज्ञान वांचेंगे कि महिला दिल की रोगी थी, वजन अधिक था, फलां फलां रोगग्रसित थी! वाह अच्छे दिन.'
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उधर, राजद के नारों को पर सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने भी जवाब दिया है. जेडीयू के नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि फर्जीवाड़ा का सारा का सारा जिम्मा राजद और उसके नेताओं ने ले रखा है. जदयू नेता राजीव रंजन अपने बयान में कहा, 'अभी तेजस्वी यादव की पार्टी से एक ट्वीट आया है और फर्जीवाड़ा का सारा जिम्मा लगता है कि राजद और उसके नेताओं ने ले लिया है. राजद नेताओं ने 4 दिन पहले मुजफ्फरपुर स्टेशन पर महिला की मौत की वजह बुक प्यास को बताया था मगर सच्चाई यह है इसकी जांच की गई और मृतका के परिजनों ने भी खुद पुष्टि की है कि ट्रेन के अंदर खाने पीने को मिला मौत की वजह कुछ और हो सकती है लेकिन खाना पीना नहीं हो सकता.'
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उन्होंने आगे कहा कि राजद का ऐसा चरित्र और चेहरा बनता जा रहा है. वह फर्जीवाड़े के जरिए बिहार की जनता को गुमराह करना चाहेंगे और राज्य पर अनावश्यक कलंक लगाना चाहेंगे तो जनता उनको जवाब देगी.
Source : News Nation Bureau