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गोपालगंज हत्याकांड पर सियासत, विपक्ष ने की CBI जांच की मांग, सत्तापक्ष ने कही यह बात

बिहार के गोपालगंज में हुए ट्रिपल हत्याकांड पर कोरोना संक्रमण के दौर में जमकर सियासत हो रही है.

Updated on: 28 May 2020, 01:13 PM

पटना:

बिहार (Bihar) के गोपालगंज में हुए ट्रिपल हत्याकांड पर कोरोना संक्रमण के दौर में जमकर सियासत हो रही है. बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर अपनी पार्टी जदयू के विधायक को बचाने का आरोप लगाया है. तेजस्वी ने बुधवार को अपनी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल फागु चौहान से मुलाकात कर मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की. इस घटना को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) जहां नरसंहार बता रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि नरसंहार लालू-राबड़ी राज में होते थे. हम वे दिन नहीं लौटने देंगे.

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दरअसल, रविवार की रात गोपालगंज के रूपनचक गांव में दो बाइक पर सवार अपराधियों ने एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में कुचायकोट के जदयू विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय, विधायक के बड़े भाई सतीश पांडेय व उनके पुत्र मुकेश पांडेय को नामजद आरोपी बनाया गया है. हालांकि इस मामले में पुलिस ने सतीश पांडेय और मुकेश पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है.जबकि जदयू विधायक अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.

विधायक की गिरफ्तारी न होने पर बुधवार को पटना में राज्यपाल से मुलाकात की और मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की. इससे पहले राजद नेता तेजस्वी ने आरोप लगाया कि पुलिस जदयू विधायक अमरेंद्र नाथ पांडेय उर्फ पप्पू पांडे को गिरफ्तार नहीं कर रही है, क्योंकि वे मुख्यमंत्री के करीबी हैं. तेजस्वी ने कहा कि अगर गुरुवार शाम तक पप्पू पांडेय को गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो मैं सरकार को चेतावनी देता हूं, मैं अपनी पार्टी के सभी विधायकों को साथ लेकर गोपालगंज पहुंच जाऊंगा.

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तेजस्वी ने इस हत्याकांड को नरसंहार करार दिया. तेजस्वी ने कहा, 'नीतीश कुमार के बाहुबली विधायक ने गोपालगंज में नरसंहार को अंजाम दिया. आरोपी विधायक कह रहा है कि जब तक कथित सुशासन बाबू है तब तक हम चाहे कोई भी लूट, हत्या, नरसंहार, रंगदारी इत्यादि करें, हमें कोई गिरफ़्तार नहीं कर सकता. बताइए, नरसंहार का असल दोषी कौन हुआ?' उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, 'गरीबों का नरसंहार करने वाला नीतीश कुमार का चहेता अपराधी विधायक प्रेस वार्ता कर कहता है कि विपक्ष की दिल्ली से लेकर पटना तक ईंट से ईंट बजा देंगे. उसका मनोबल अभी भी इतना बढ़ा हुआ है कि वह विपक्ष को धमकी दे रहा है. हम भी देखते है कि हमें गोपालगंज जाने से कौन रोकता है?'

इसके बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी राजद को पलटवार किया और कहा कि नरसंहार लालू-राबड़ी राज में होते थे. हम वे दिन नहीं लौटने देंगे. उन्होंने कहा, 'राजद कुछ आपराधिक मामले को अतिरंजित कर बिहार को बदनाम करना चाहता है. उसे तीन लोगों की हत्या और नरसंहार का फर्क समझ में नहीं आता. नरसंहार लालू-राबड़ी राज में होते थे. हम वे दिन नहीं लौटने देंगे.' उन्होंने कहा, 'राजद के 15 साल के शासनकाल में उद्योग-धंधे बंद हुए. नरसंहारों की रक्तरंजित श्रृंखला और नक्सली हिंसा के चलते खेती-किसानी भी बर्बाद हो चुकी थी. वह दौर था, जब रंगदारी-फिरौती अपहरण के डर से शहर में दुकानें शाम को बंद हो जाती थीं. शोरूम से गाड़ियां उठा ली जाती थीं.'

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मोदी ने कहा कि जिन्होंने असुरक्षा के वे काले दिन बिहार को दिखाए, उनके सियासी वारिस आज जनता की सुरक्षा का वातावरण बनाने के लिए संघर्ष के दावे करते फिर रहे हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'एनडीए सरकार क्राइम और करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करती है, इसलिए कुछ आपराधिक घटनाओं पर विपक्ष को छाती पीटने की जरूरत नहीं है. कानून अवश्य अपना काम करेगा. जिनके राज में अपराध का राजनीतिकरण कर शहाबुद्दीन, राजबल्लभ यादव, सुरेंद्र यादव जैसे लोगों को विधायिका का हिस्सा बनने दिया, वे निश्चित रहें क्योंकि अब किसी का बायोडेटा, पद, जाति या मजहब देखकर न बचाया जाता है, न द्वेषवस किसी को फंसाया जाता है.'

उधर, जनता दल युनाइटेड के प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि गोपालगंज मामले पर न्यायसंगत करवाई की जा रही है लेकिन तेजस्वी यादव राजनीतिक रोटी सेकना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'अपने प्यारे एमएलए अरुण यादव के मुद्दे पर फेविकोल पीने वाले तेजस्वी कि क्या आपने कभी प्रतिक्रिया सुनी क्या.? घृणित पाप करने वाले एमएलए के साथ ये तो पोस्टर शेयर किया करते हैं.'

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