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मोदी ने बिहार को दिए 7 और उपहार, बोले- देश के विकास के लिए लाखों इंजीनियर देता है बिहार

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राज्य को बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री ने आज बिहार के लिए अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ीं सात परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.

Updated on: 15 Sep 2020, 01:35 PM

पटना:

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राज्य को बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री ने आज बिहार के लिए अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ीं सात परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने इंजीनियर्स डे पर भारतीय इंजीनियरों को बधाई दी और कहा कि देश के विकास के लिए बिहार लाखों इंजीनियर देता है. उन्होंने कहा कि भारतीय इंजीनियरों ने हमारे देश के निर्माण में और दुनिया के निर्माण में भी अभूतपूर्व योगदान किया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, 'आज का ये कार्यक्रम, एक विशेष दिन पर हो रहा है. आज हम इंजीनियर्स डे मनाते हैं. ये दिन देश के महान इंजीनियर एम. विश्वेश्वरैया की जयंती का है, उन्हीं की स्मृति को समर्पित है कि चाहे काम को लेकर समर्पण हो, या बारीक नजर, भारतीय इंजीनियरों की दुनिया में एक अलग ही पहचान है. हमें गर्व है कि हमारे इंजीनियर देश के विकास को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि लाखों इंजीनियर देश के विकास को नई ऊंचाई देने में लगे हैं. बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है. बिहार की धरती तो आविष्कार और इनोवेशन की पर्याय रही है. बिहार के कितने ही बेटे हर साल देश के सबसे बड़े इंजीन्यरिंग संस्थानों में पहुंचते हैं, अपनी चमक बिखेरते हैं.

मोदी ने कहा, 'बिहार ऐतिहासिक नगरों की धरती है और यहां हजारों सालों से नगरों की समृद्ध विरासत रही है. प्रचीन भारत में गंगा घाटी के इर्द-गिर्द आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध और सम्पन्न नगरों का विकास हुआ, लेकिन गुलामी के इस लंबे कालखंड ने इस विरासत को बहुत नुकसान पहुंचाया.' उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद के शुरुआती दिनों में बिहार को बड़े और विजनरी नेताओं का नेतृत्व मिला, जिन्होंने गुलामी के कारण आई विकृतियों को दूर करने की भरसक कोशिश भी की. लेकिन इसके बाद एक दौर ऐसा भी आया जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, राज्य के लोगों को आधुनिक सुविधाएं देने के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धताएं पूरी तरह बदल गईं. नतीजा ये हुआ कि राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया.'

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है और वोटबैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है, जो प्रताड़ित है, वंचित है और शोषित है. बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है. सड़कें हो, गलियां हों, पीने का पानी हो या सीवरेज हो, ऐसी अनेक मूल समस्याओं को या तो टाल दिया गया या फिर जब भी इनसे जुड़े काम हुए वो घोटालों की भेंट चढ़ गए. इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार के गांव पिछड़ते गए और जो शहर कभी समृद्धि का प्रतीक थे, उनका इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड हो ही नहीं पाया.'

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उन्होंने कहा, 'बिहार के लोगों का तो गंगा जी से बहुत ही गहरा नाता है. गंगा जल की स्वच्छता का सीधा प्रभाव करोड़ों लोगों पर पड़ता है. गंगा जी की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ही बिहार में 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक की 50 से ज्यादा परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं. सरकार का प्रयास है कि गंगा के किनारे बसे जितने भी शहर हैं, वहां बड़े-बड़े गंदे नालों का पानी सीधे गंगाजी में गिरने से रोका जाए. इसके लिए अनेकों वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाए जा रहे हैं. गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने का अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इसमें पर्यटन के आधुनिक आयाम भी जुड़ते जा रहे हैं. नमामि गंगे मिशन के तहत बिहार सहित पूरे देश में 180 से अधिक घाटों के निर्माण का काम चल रहा है. इसमें से 130 घाट पूरे भी हो चुके हैं.'

मोदी ने कहा, 'बिहार में इतनी तेजी से काम होगा, काम शुरू होने के बाद पूरा भी होगा, इस बात की कल्पना भी डेढ़ दशक पहले नहीं की जा सकती थी. लेकिन नीतीश जी के प्रयासों ने केंद्र सरकार के प्रयासों ने ये सच कर दिखाया है. छठी मैया के आशीर्वाद से हम बिहार के शहरी और ग्रामीण इलाकों, उनको गंदे जल और बीमारी बढ़ाने वाले जल से मुक्ति दिलाने के लिए जी जान से काम करते रहेंगे. अभी हाल ही में सरकार ने एक प्रोजेक्ट डॉल्फिन की घोषणा की है. इस मिशन का बहुत बड़ा लाभ गंगा डॉल्फिन को भी होगा.'