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पशुपति पारस ने LJP की कमेटी को भंग किया, नए सदस्यों की नियुक्ति की

लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस ने पुराने कमेटी को भंग कर दिया है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नए सदस्यों की नियुक्ति की गई है. महबूब अली कैसर को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. वीणा देवी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है.

Updated on: 19 Jun 2021, 06:11 PM

highlights

  • महबूब अली कैसर को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है
  • वीणा देवी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
  • चंदन सिंह को राष्ट्रीय महासचिव

 

पटना :

लोजपा में चाचा-भतीजा के बीच जंग जारी है. एक गुट के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया है. नई कमेटी में 8 नेताओं को जगह दी गई है. साथ ही पारस ने राष्ट्रीय, प्रदेश एवं पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों की कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है. दिल्ली में पशुपति कुमार पारस ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के नाम की घोषणा की है. सांसद महबूब अली कैसर ,सांसद वीणा देवी और सुनीता शर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाईं गयी हैं.सांसद चंदन सिंह राष्ट्रीय महासचिव, सांसद प्रिंस राज राष्ट्रीय महासचिव, संजय सर्राफ राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता, रामजी सिंह राष्ट्रीय महासचिव और विनोद नागर को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सह राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है.

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चुनाव सही, चिराग अब न तो राष्ट्रीय अध्यक्ष, न ही संसदीय दल के नेता : पारस
लोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनावों को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुसार, चिराग पासवान न तो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और न ही संसदीय दल के नेता हैं. पार्टी के संविधान के अनुसार ही कल जो चुनाव हुए वो पूरी तरह से वैधानिक हैं. उन्होंने कहा कि चिराग को इन बातों की जानकारी ही नहीं है.

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स्पीकर बोले-लोजपा की लड़ाई से हमें मतलब नहीं
उधर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि हमें लोजपा की अंदरुनी लड़ाई से मतलब नहीं है. पार्टी के नेता व मुख्य सचेतक की ओर से अर्जी आई थी, इसलिए लोजपा संसदीय दल के नेता पद के बदलाव किया. बता दें, अब चिराग पासवान की जगह पशुपति पारस लोकसभा में लोजपा संसदीय दल के नेता नियुक्त किए गए हैं.

चिराग ने पूरे मामले को असंवैधानिक बताया
चाचा और भतीजे के बीच छिड़ी जंग कब और कैसे खत्म होगी ये साफ नहीं है. लेकिन पशुपति पारस ने साफ कह दिया है कि अब उनकी वापसी मुश्किल है. पशुपति पारस ने राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चुने जाने के बाद कहा था कि जब भतीजा तानाशाह हो जाए तो चाचा मजबूरन क्या करेगा. उन्होंने कहा कि पार्टी व्यवस्था में ये कहीं नहीं है कि कोई व्यक्ति आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. हमारी पार्टी का जो संविधान है, उसमें प्रत्येक 2-3 वर्ष में अध्यक्ष का चुनाव होना है.