Bihar News: बिहार में इसी साल विधान सभा चुनाव होने हैं और जब बिहार के चुनाव होते हैं तो बयानबाजी न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की जेडीयू और लालू यादव की आरजेडी में टक्कर होती रही है. वहीं, बीजेपी तो बिहार में दमखम के साथ उतरती है लेकिन कांग्रेस कहीं खानापूर्ति करती नजर आती है. अब बिहार की राजनीति में एक नया शगूफा छूटा हुआ है कि क्या लालू प्रसाद यादव अब बिहार की राजनीति में 'चुक' गए हैं. हालात तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं.
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से संवाद यात्रा के दौरान बिहार के कैमूर में पत्रकारों ने एक सवाल दाग दिया. पत्रकारों ने पूछा कि नीतीश कुमार ने कहा है कि हम बीजेपी के साथ रहेंगे तो छूटते ही तेजस्वी यादव ने बोल दिया कि उनको ले कौन रहा है? जब पत्रकारों ने कहा कि आपके पिताजी ने कहा कि उनके लिए दरवाजा खुला है तो फिर तेजस्वी यादव ने बात संभालते हुए कहा कि हम राय देते हैं. उनको हमने राय दी थी.
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तीर तो कमान से निकल चुका था
अब तेजस्वी यादव के इस बयान से यह साफ हो गया है कि वह लालू प्रसाद यादव के बयान से सहमत नहीं हैं. कहीं ना कहीं वह अपने पिता को इस तरह के बयान से बचने के लिए समझा चुके हैं. लेकिन तीर तो कमान से निकल चुका था तो जेडीयू और बीजेपी ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लिया. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने तो यहां तक कह दिया कि तेजस्वी यादव के बयान से यह पुष्टि हो गई कि तेजस्वी को अपने पिता और आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सलाह देना पड़ रही है. ऐसा लगता है कि लालू यादव राजनीतिक रूप से नजरबंद हैं और राजनीतिक रूप से उन्हें पूरी तरह अनाथ बना दिया गया है.
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'पहले पिता-पुत्र आपस में फरिया लें'
वहीं, बीजेपी नेता ने तेजस्वी यादव के बयान पर तंज कसते हुए कहा है कि पहले पिता-पुत्र आपस में फरिया लें. बिहार बीजेपी के एक प्रवक्ता ने कि तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद के की बात को सिरे से ही नकार रहे हैं, इससे साफ हो गया कि लालू प्रसाद यादव अब आरजेडी के सर्वमान्य नेता नहीं रहे हैं.
Bihar News: क्या राजनीति रूप से नजरबंद हो चुके हैं लालू यादव?, तेजस्वी यादव के बयान से बिहार की सियासत में हलचल
बिहार की राजनीति में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता. कभी लालू प्रसाद यादव की बयानबाजी के चर्चे पूरे देश में होते थे लेकिन अब उन्हें बयान भी सोच समझकर देने पड़ रहे हैं.
बिहार की राजनीति में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता. कभी लालू प्रसाद यादव की बयानबाजी के चर्चे पूरे देश में होते थे लेकिन अब उन्हें बयान भी सोच समझकर देने पड़ रहे हैं.
Bihar News: क्या राजनीति रूप से नजरबंद हो चुके हैं लालू यादव? Photograph: (social media )
Bihar News: बिहार में इसी साल विधान सभा चुनाव होने हैं और जब बिहार के चुनाव होते हैं तो बयानबाजी न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की जेडीयू और लालू यादव की आरजेडी में टक्कर होती रही है. वहीं, बीजेपी तो बिहार में दमखम के साथ उतरती है लेकिन कांग्रेस कहीं खानापूर्ति करती नजर आती है. अब बिहार की राजनीति में एक नया शगूफा छूटा हुआ है कि क्या लालू प्रसाद यादव अब बिहार की राजनीति में 'चुक' गए हैं. हालात तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं.
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से संवाद यात्रा के दौरान बिहार के कैमूर में पत्रकारों ने एक सवाल दाग दिया. पत्रकारों ने पूछा कि नीतीश कुमार ने कहा है कि हम बीजेपी के साथ रहेंगे तो छूटते ही तेजस्वी यादव ने बोल दिया कि उनको ले कौन रहा है? जब पत्रकारों ने कहा कि आपके पिताजी ने कहा कि उनके लिए दरवाजा खुला है तो फिर तेजस्वी यादव ने बात संभालते हुए कहा कि हम राय देते हैं. उनको हमने राय दी थी.
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तीर तो कमान से निकल चुका था
अब तेजस्वी यादव के इस बयान से यह साफ हो गया है कि वह लालू प्रसाद यादव के बयान से सहमत नहीं हैं. कहीं ना कहीं वह अपने पिता को इस तरह के बयान से बचने के लिए समझा चुके हैं. लेकिन तीर तो कमान से निकल चुका था तो जेडीयू और बीजेपी ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लिया. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने तो यहां तक कह दिया कि तेजस्वी यादव के बयान से यह पुष्टि हो गई कि तेजस्वी को अपने पिता और आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सलाह देना पड़ रही है. ऐसा लगता है कि लालू यादव राजनीतिक रूप से नजरबंद हैं और राजनीतिक रूप से उन्हें पूरी तरह अनाथ बना दिया गया है.
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'पहले पिता-पुत्र आपस में फरिया लें'
वहीं, बीजेपी नेता ने तेजस्वी यादव के बयान पर तंज कसते हुए कहा है कि पहले पिता-पुत्र आपस में फरिया लें. बिहार बीजेपी के एक प्रवक्ता ने कि तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद के की बात को सिरे से ही नकार रहे हैं, इससे साफ हो गया कि लालू प्रसाद यादव अब आरजेडी के सर्वमान्य नेता नहीं रहे हैं.