Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार देर रात एक बड़े उद्योगपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई. बदमाशों ने गांधी मैदान के पास पटना के जाने-माने कारोबारी गोपाल खेमका को उनके घर के पास गोली मार दी. जिससे उनकी मौत हो गई. वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश फरार हो गए. वह मगध अस्पताल का संचालन करते थे और कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए थे. बता दें कि 20 दिसंबर 2018 में गोपाल खेमका के बेटे की भी हत्या कर दी गई थी. उनके बेटे की हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
क्लब से लौटते वक्त किया गया हमला
जानकारी के मुताबिक, बदमाशों ने गोपाल खेमका पर उस वक्त हमला कर दिया. जब वह शुक्रवार देर रात करीब साढ़े ग्यारह बजे बांकेपुर क्लब से घर लौट रहे थे. जैसे ही वह पनास होटल के पास अपने अपार्टमेंट में जाने के लिए कार से उतरे वैसे ही घात लगाकर बैठे बदमाशों ने उनपर गोली चला दी. गोली लगते ही गोपाल खेमका जमीन पर गिर गए और उनकी मौत हो गई. वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाशों मौके से फरार हो गए.
घटना के बाद इलाके में फैली दहशत
वहीं घटना के बाद परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. वारदात के बाद गोपाल खेमका के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. कारोबारी के छोटे भाई संतोष खेमका ने पुलिस पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वारदात के डेढ़ घंटे बाद गांधी मैदान थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. पटना की सिटी एसपी (मध्य) भी काफी देर बाद घटनास्थल पर पहुंचीं. परिजनों के मुताबिक, घटनास्थल पर कई खोखे गिरे हुए थे.
सांसद पप्पू यादव ने जताई नाराजगी
कारोबारी की हत्या के बाद निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने पीड़ित परिजनों से मुलाकात की. इस वारदात पर उन्होंने नाराजगी जताई. इस घटना के बाद सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया और तस्वीरें साझा कीं. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "इस बच्चे को क्या दिलासा दूं? सात साल पहले गोपाल खेमका जी के पुत्र गुंजन खेमका की हत्या हुई थी, उन्हें न्याय का भरोसा दिलाने गया था. अगर उस वक्त सरकार अपराधियों की साझीदार न बनकर, उनके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करती तो आज गोपाल खेमका जी की हत्या न होती!"
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