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बिहार में जमीन को लेकर नीतीश-लालू, CM बोले- आसमान से लाएं क्या

बिहार में जमीन को लेकर नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) आमने-सामने आ गए हैं. राजद (RJD) ने पटना में कार्यालय के लिए अतिरिक्त जमीन की मांग की है.

Updated on: 03 Sep 2021, 04:58 PM

नई दिल्ली:

बिहार में जमीन को लेकर नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) आमने-सामने आ गए हैं. राजद (RJD) ने पटना में कार्यालय के लिए अतिरिक्त जमीन की मांग की है. इसे लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को साफ कर दिया है कि राजद ने जिस स्थान पर भूमि की मांग की थी, उन्हें वो दे दी गई है. बिहार के सीएम (Bihar CM)  ने पटना में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि क्या अब आसमान से जमीन खरीद कर लाएं? 

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सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सभी पार्टी को कार्यालय मिला हुआ है. आरजेडी क्या बोलती है वही जाने. 2006 के बाद सभी के लिए इंतजाम किया गया. इन लोगों ने सभी मान्यता प्राप्त पार्टियों को कभी कुछ दिया है? ये जमीन तो हम लोगों ने ही दिया है. जो चुना है वही न मिला है? क्या जमीन, आसमान से आएंगे?

आपको बता दें कि आफिस के लिए राजद ने अतिरिक्त जमीन की मांग करते हुए तर्क दिया था कि बिहार का सबसे बड़ा दल आरजेडी है और हमारा दफ्तर काफी छोटा है. ऐसे में कार्यालय के पास खाली पड़ी 14 हजार वर्ग फीट जमीन राजद को आवंटित कर दी जाए. पहले भी राज्य सरकार उनकी मांग को खारिज कर चुकी है. नीतीश कुमार ने शुक्रवार को फिर दो टूक लहजे में जमीन न देने की बात कह दी है.

विश्वविद्यालय के सिलेबस से जेपी-लोहिया को हटाने पर बोले लालू यादव- यह बर्दाश्त से बाहर... 
  
आपको बता दें कि बिहार के छपरा में स्थित जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सिलेबस में हुए कुछ बदलाव पर विवाद शुरू है. इस विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान के सिलेबस से जेपी-लोहिया के विचारों को हटा दिया गया. नए सिलेबस में पंडित दीन दयाल उपाध्याय, सुभाष चंद्र बोस और ज्योतिबा फुले के विचारों को शामिल कर दिया गया है. जेपी-लोहिया के विचारों को हटाने के फैसले का लालू प्रसाद यादव ने विरोध किया है. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय, छपरा के पाठ्यक्रम से समाजवादी नेताओं जय प्रकाश नारायण (जेपी) और राम मनोहर लोहिया के विचारों को हटाने को असहनीय करार दिया है. 

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जेपी और लोहिया की विचारधारा को विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम से हटा दिया गया था, जिस पर लालू ने दुख जताया है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि मैंने जयप्रकाश जी के नाम पर अपनी कर्मभूमि छपरा में 30 वर्ष पूर्व जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. अब उसी यूनिवर्सिटी के सिलेबस से संघी बिहार सरकार और संघी मानसिकता के पदाधिकारी महान समाजवादी नेताओं जेपी-लोहिया के विचार हटा रहे हैं. जेपी-लोहिया हमारी धरोहर हैं, उनके विचारों को हटाना बर्दाश्त से बाहर है. सरकार अविलंब संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करे.