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दुनिया के 40 देश मिलकर जितनी वैक्सीन लगा रहे हैं, भारत उससे अधिक वैक्सीन हर दिन अकेले लगा रहा है

भारत में वैक्सीनेशन की तेज गति को देखते हुए स्वाभाविक तौर पर यह प्रश्न उठता है कि आखिर कैसे भारत इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान चला पा रहा है.

Updated on: 03 Sep 2021, 04:52 PM

highlights

  • भारत में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा चलाया जा रहा वैक्सीनेशन अभियान
  • पिछले सात दिनों में भारत ने प्रति दिन औसतन 84.55 लाख लोगों को लगायी वैक्सीन  
  • स्वास्थ्य मंत्रालय संभालते ही मनसुख मांडविया ने वैक्सीन निर्माताओं से की लगातार बैठकें  

नई दिल्ली:

भारत ने 3 सितंबर, 2021 तक कोरोना वैक्सीन की 67.50 करोड़ से अधिक डोज लगाए हैं. अगर भारत की आबादी अमेरिका के बराबर होती तो अब तक देश के सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग गई होती. इसे दूसरे ढंग से ऐसे भी समझ सकते हैं कि यह अमेरिका की पूरी आबादी को दो बार वैक्सीन लगाने के बराबर है. आज जिस तेज गति से भारत में कोरोना टीकाकरण हो रहा है, उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. 16 जनवरी, 2021 से भारत में कोरोना वैक्सीन लगने की शुरुआत हुई थी. तब से अब तक के 230 दिनों में भारत ने अपनी तकरीबन 55 फीसदी आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगाने में कामयाबी हासिल की है. वहीं ऐसे लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है, जिन्हें वैक्सीन के दोनों डोज लग गए हैं. 

भारत में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा चलाया जा रहा वैक्सीनेशन अभियान, कितना बड़ा होता जा रहा है, इसका अंदाज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि दुनिया के तकरीबन 40 देश मिलकर एक दिन में जितने लोगों को वैक्सीन नहीं लगा पा रहे हैं, उससे अधिक लोगों को वैक्सीन डोज लगाने का काम भारत अकेले कर रहा है. 

पिछले सात दिनों में भारत ने प्रति दिन औसतन 84.55 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का काम किया है. अब ये जानते हैं कि वे कौने से 40 देश हैं, जो एक साथ मिलकर भी इतनी वैक्सीन नहीं लगा पा रहे हैं. इन देशों में यूरोपीय संघ के 27 देश, अमेरिका, ब्राजील, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, इंडो​नेशिया, तुर्की, फ्रांस और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं. इन 40 देशों में कई देश ऐसे हैं, जिन्हें विकसित और आर्थिक तौर पर भारत के मुकाबले बेहद संपन्न माना जाता है. इनमें से कुछ देश तो ऐसे हैं जिन्हें वैश्विक महाशक्ति भी कहा जाता है. लेकिन इसके बावजूद आज प्रति दिन वैक्सीनेशन के मामले में भारत इन देशों के मुकाबले बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.

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पिछले एक सप्ताह में दो दिन ऐसे रहे हैं जिस दिन भारत ने एक दिन में एक करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाए. पहली बार 27 अगस्त, 2021 एक दिन में एक करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाए गए. चार दिन बाद ही यानी 31 अगस्त, 2021 को भारत ने इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक दिन में 1.33 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाए. इस उपलब्धि पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्विवट करके कहा, 'देश ने स्थापित किया नया कीर्तिमान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान ने 1.09 करोड़ से अधिक डोज के अपने पिछले कीर्तिमान को तोड़ते हुए आज नया कीर्तिमान बनाया. देश में आज इससे अधिक टीके अब तक लग गए हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. सभी देशवासियों को बधाई.'

भारत में वैक्सीनेशन की तेज गति को देखते हुए स्वाभाविक तौर पर यह प्रश्न उठता है कि आखिर कैसे भारत इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान चला पा रहा है. इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक विश्वस्त सूत्र ने बताया, 'नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पदभार संभालने के बाद शुरुआत में ही जो बैठकें लीं, उनमें यह साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर हाल में यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में वैक्सीनेशन की गति काफी तेज करनी है. नए स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को स्प्ष्ट निर्देश दिया कि हमें कैसे भी करके वैक्सीनेशन डोज लगाने की अपनी क्षमता बढ़ानी है.'

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इस अधिकारी ने आगे बताया, 'स्वास्थ्य मंत्रालय संभालते ही मनसुख मांडविया ने वैक्सीन निर्माताओं से लगातार बैठकें कीं. वैक्सीन बनाने वालों को उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आपको हर कोशिश करके उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी करनी है. इन कंपनियों को स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी कहा कि अगर उत्पादन बढ़ाने में कोई समस्या आ रही हो तो मोदी सरकार इन समस्याओं को दूर करने के लिए हरसंभव मदद करने को तैयार है. मनसुख मांडविया ही रसायन एवं उर्वरक मंत्री भी हैं जिसके तहत फार्मा विभाग आता है, जो दवाओं के उत्पादन से संबंधित है. इसलिए उनके लिए वैक्सीन उत्पादकों के साथ समन्वयन करना आसान रहा. उनकी व्यक्तिगत दिलचस्पी की वजह से आज देश में वैक्सीन उत्पादन की गति काफी तेज हुई है.' 

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का दावा है कि स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों से अपनी हर मुलाकात में उनसे आग्रह किया कि अपने यहां वैक्सीनेशन केद्रों की संख्या बढ़ाएं ताकि तेज गति से वैक्सीनेशन हो सके. इन प्रयासों का असर आज हर दिन तकरीबन 85 लाख वैक्सीनेशन के रूप में देखने को मिल रहा है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इसमें और तेजी आएगी और वैश्विक स्तर पर पर भारत वैक्सीनेशन के मामले में और कई रिकॉर्ड बनाएगा.