बिहार विधान चुनाव से पहले BJP ने शुरू की विधान परिषद चुनाव की तैयारी
पार्टी हाईकमान से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव इस बावत जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं से लगातार बैठक कर रहे हैं.
पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले भाजपा ने विधान परिषद चुनाव के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी है. पार्टी हाईकमान से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव इस बावत जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं से लगातार बैठक कर रहे हैं. जेडीयू नेताओं के साथ उनकी कई दौर की बातचीत हो चुकी है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा विधान परिषद चुनाव के लिए जेडीयू के साथ बेहतर तालमेल चाहती है. भाजपा (BJP) के लिए विधान परिषद का चुनाव लिटमस टेस्ट जैसा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा इस बार नये चेहरों पर भी दांव लगा सकती है.
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ध्यान रहे कि बिहार में विधान परिषद की कुल 75 सीटें हैं, जिनमें 29 सीटें इस वक्त खाली हैं. इनमें अलग-अलग कैटेगरी में विधानसभा कोटे की कुल 9 सीटें खाली हो गई हैं, जबकि स्नातक और शिक्षक कोटे की चार-चार सीटें खाली हो गई हैं. इसके अलावा राज्यपाल कोटे की 12 सीटें खाली हुई हैं. बिहार में जिन लोगों का विधानपरिषद का कार्यकाल समाप्त हुआ है, उनमें नीतीश सरकार में जेडीयू कोटे के दो मंत्री शामिल हैं.
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इधर भाजपा की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी संजय मयूख, राधा मोहन शर्मा और कृष्ण कुमार सिंह की सीट खाली हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी नये लोगों पर दांव लगा सकती है, जिनमे राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा के पुत्र रितुराज सिन्हा का नाम शामिल है. इसके अलावा संजय मयूख और राधा मोहन शर्मा को पार्टी फिर से विधान परिषद भेज सकती है. विधान परिषद में मौजूदा संख्या बल के हिसाब से जेडीयू को तीन और बीजेपी को दो विधान परिषद की सीटें मिलनी तय हैं, जबकि आरजेडी को तीन और कांग्रेस को एक सीट मिलने की संभावना है.
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बता दें कि देश भर में जारी कोरोना संकट और देशव्यापी बंदी की वजह से विधान परिषद का चुनाव टाल दिया गया था. लेकिन कोरोना काल में ही चुनाव आयोग ने 21 मई को महाराष्ट्र विधानपरिषद का चुनाव कराया है. ऐसे में बिहार में भी जल्दी ही विधान परिषद का चुनाव कराने की उम्मीद जताई जा रही है. गौरतलब है विधान परिषद के चुनाव में विधानसभा के सदस्य हिस्सा लेते हैं. ऐसे में 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में मौजूदा समीकरण के हिसाब से विधानपरिषद की एक सीट के लिए 25 विधायकों की जरूरत होगी. एनडीए की संख्या बल के हिसाब से बिहार विधानसभा में जेडीयू के 70, बीजेपी के 54 और एलजेपी के दो एमएलए हैं, जबकि विपक्षी दलों में आरजेडी के 79 और कांग्रेस के 26 एमएलए हैं.
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