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file photo Photograph: (social media)
Bihar Elections 2025: बिहार में लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए आज ऐतिहासिक दिन है. दो दशक बाद पहली बार इस क्षेत्र के चार गांवों के मतदाता अपने ही गांव में मतदान कर रहे हैं. चानन प्रखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को अब वोट डालने के लिए लंबी और कठिन यात्रा नहीं करनी पड़ेगी. पहले इन ग्रामीणों को अपने मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए पहाड़ों और घने जंगलों से होकर छह से दस किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता था, लेकिन इस बार वे अपने गांव में ही लोकतंत्र के इस पर्व में भाग लेंगे.
कितना आया बदलाव
इस बार पहली बार कछुआ और बासकुंड जैसे गांवों में, जिन्हें कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था वहां ईवीएम की ‘प’ ध्वनि गूंजेगी. यह बदलाव इस बात का संकेत है कि अब इन इलाकों में नक्सल गतिविधियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं और प्रशासन ने इन क्षेत्रों को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया है. जिले के कुल 56 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित माने जाते हैं, लेकिन अब वहां सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है ताकि मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संपन्न हो सके.
जब पांच मतदान केंद्र हुए थे स्थानांतरित
बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में सुरक्षा कारणों से पांच मतदान केंद्रों को मैदानी क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया था. लेकिन अब स्थिति सामान्य होने पर चुनाव आयोग ने इन केंद्रों को फिर से उनके मूल स्थानों पर बहाल कर दिया है. इनमें चानन प्रखंड के दो प्रमुख मतदान केंद्र शामिल हैं जिसमें पहला मतदान केंद्र संख्या 407, सामुदायिक भवन कछुआ, जहां 363 मतदाता हैं (243 पुरुष और 252 महिलाएं). दूसरा मतदान केंद्र संख्या 417, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बासकुंड-कछुआ, जिसमें कुल 495 मतदाता हैं (186 पुरुष और 177 महिलाएं).
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