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Bihar Assembly Elections 2025 Photograph: (Social Media)
Bihar Elections 2025: चुनाव आयोग ने सोमवार (6 अक्टूबर) को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. बिहार में इस बार दो चरण में मतदान होगा. पहले चरण के लिए 6 नवंबर को वोटिंग होगी. जबकि दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को मतदान होगा. राज्य की सभी 243 सीटों पर वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी और उसी दिन चुनावी नतीजे जारी कर दिए जाएंगे. पहले चरण में कुल 121 सीटों के लिए मतदान होगा. जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे.
बता दें कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. ऐसे में 14 नवंबर को चुनावी नतीजे आने के बाद ये तय हो जाएगा कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी. बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता है. इनमें 3.92 करोड़ पुरूष और 3.50 करोड़ महिला वोटर्स शामिल हैं. इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन (I.N.D.I.A) के बीच कांटे की टक्कर है. जबकि जन सुराज और एआईएमआईएम जैसी पार्टियां भी बिहार के चुनावी मैदान में टिकी हुई हैं.
बिहार में एससी, एसटी वर्ग के लिए इतनी सीटें की गईं आरक्षित
भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक, इस बार बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई हैं. यानी इन सीटों पर सिर्फ एससी और एसटी वर्ग का ही उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है. इनमें 38 सीटें अनुसूचित जाति यानी एससी और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति यानी एसटी के लिए आरक्षित हैं. बिहार चुनाव में किया गया ये आरक्षण सामाजिक संतुलन बनाए रखने और सभी वर्गों की समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए किया गया है.
संविधान से मिले हैं SC, ST वर्ग को चुनाव लड़ने का अधिकार
बता दें कि भारत के संविधान ने देश के हर नागरिक को चुनाव लड़ने और चुनावों में मतदान करने का अधिकार दिया है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के नागरिकों को भी चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है. इसके लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 172 (1) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 15 के साथ पठित अनुच्छेद 324 के तहत उन्हें प्राधिकार और शक्तियां दी गई हैं.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (जैसा कि 2015 में संशोधित) की धारा 3(1) में उन्हें ये शक्तियां प्रदान की गई हैं. जिसके तहत अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर उसी वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ सकेगा. अगर कोई व्यक्ति अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को वोट न देने, या किसी विशेष उम्मीदवार को वोट न देने या कानून द्वारा प्रदान की गई शक्ति का प्रयोग न करने या उन्हें चुनाव में भागीदारी करने से रोकता है, मजबूर या धमकाता है तो उसे कम से कम छह महीने की कैद और पांच साल तक की सजा और जुर्माने से दंडित किया जाएगा.
बिहार की ये विधानसभा सीटें SC, ST वर्ग के लिए आरक्षित
बिहार की जो 40 सीटें एससी, एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में सिंहेश्वर , सोनबर्षा, कुशेश्वर अस्थान , बोचहां, सकरा, भोर, धरौली, गरखा, राजा पाकर, पतेपुर, कलयानपुर, रोसेरा, बखरी, अलौली, राजगीर, फुलवारी, मसौढी, अगिआंव, राजपुर, रामनगर, हरसिद्धि, बथनाहा, राजनगर, त्रिवेनीगंज, रानीगंज, बनमनखी सीट, कोहरा, पीरपैंती, धौरैया, चेनारी, मखदूमपुर, कुटुंबा, इमामगंज, बाराचट्टी, बोध गया, राजौली, और सिकंदरा सीट शामिल हैं. जबकि अनुसूचित जनजाति यानी एसटी वर्ग के लिए मनिहारी और कटौरिया सीट शामिल हैं.
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