बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महज कुछ वक्त रह गया है. लेकिन बिहार के दो बड़े गठबंधन के अंदर ठीक से सबकुछ तय नहीं हुआ है. एनडीए और महागठबंधन दोनों की एक ही समस्या है और वो है सीट बंटवारे को लेकर. गठबंधन के अंदर पार्टियों में सीट को लेकर सहमति नहीं बनती दिखाई दे रही है.
एनडीए में चिराग पासवान की जिद्द और महागठबंधन में तेजस्वी यादव की जिद्द का नतीजा है कि दोनों गठबंधनों में अबतक कुछ तय नहीं हुआ है. जी हां कांग्रेस को याद आ रहे हैं तेजस्वी के पिता सज़ायाफ़्ता लालू प्रसाद तो भाजपा को याद आ रहे अस्पताल में भर्ती राम विलास पासवान.
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दरअसल महागठबंधन से जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुश्वाहा ने तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर गठबंधन तोड़ दिया. सबको लगा कांग्रेस से बड़ी आसानी से गठबंधन हो जाएगा. मगर ये क्या कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को लालू यादव की याद आ गई. उन्होंने कहा कि लालू यादव रहते तो इस तरीके की समस्या नहीं आती. आज जो समय है हम नहीं चाहते कि गठबंधन टूटे. लेकिन कुछ लोगों की वजह से ऐसा हो सकता है. शक्ति सिंह गोहिल ने इशारों में तेजस्वी को अनुभवहीन भी बताया दिया.
इधर एनडीए (NDA) में भी पेंच है. लोजपा (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag paswan) ने बीजेपी को सीट बंटवारे को लेकर मुश्किल में डाल दिया है. चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं और अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.
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सूत्रों की मानें तो चिराग ने 45 विधान सभा की सीट,केन्द्रीय मंत्रीमंडल में जगह,दो विधान परिषद की सीट और राज्य सभा का एक कोटा मांगा है. वहीं लोजपा को जेडीयू और बीजेपी 30 सीट से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं.
हद तो ये की बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने भी माना कि राम विलास पासवान अस्वस्थ है इसलिए ऐसी परेशानी हो रही है. नहीं तो अबत सीट शेयरिंग पर बात बन जाती. एनडीए में सभी दलों को एक साथ रखने की कोशिश बीजेपी कर रही है.
मगर दो राजनीतिक दिग्गजों की नयी पीढ़ी ने पुरानी पीढ़ी को राजनीति का नया व्याकरण सिखाया है. जिसमे पुत्र हठ ने पिता को भी विवश दिखाया है.
Source : News Nation Bureau