Patna: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 24 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं पर मुहर लगाकर जनता को राहत देने का प्रयास किया है. ये फैसले सीधे तौर पर राज्य के विभिन्न वर्गों को लाभ पहुंचाने वाले हैं.
गुरु-शिष्य परंपरा को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार ने 'मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना' की शुरुआत का ऐलान किया है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वरिष्ठ कलाकारों को हर माह 3,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
इसके साथ ही 'गुरु-शिष्य परंपरा योजना' भी शुरू की जा रही है, जिसमें बिहार की पारंपरिक और विलुप्त हो रही कलाओं को संजोने के लिए 1.11 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. यह योजना सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है.
किसानों के लिए प्राकृतिक खेती योजना
कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए नीतीश सरकार ने 'नेचुरल फार्मिंग योजना' के लिए 36.35 करोड़ रुपये, 'कृषि विस्तार योजना' के लिए 80.99 करोड़, 'मृदा स्वास्थ्य योजना' के लिए 30.49 करोड़ और 'कृषि प्रशिक्षण योजना' के लिए 41.02 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. ये योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने और सतत खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाई गई हैं.
हर पंचायत में बनेगा विवाह भवन
'मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना' के तहत अब हर पंचायत में विवाह भवनों का निर्माण किया जाएगा. यह पहल गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए विवाह आयोजन को आसान बनाएगी.
दीदी की रसोई में सस्ता भोजन
सरकार ने 'दीदी की रसोई योजना' में बड़ा बदलाव करते हुए अब 40 रुपये की थाली की कीमत घटाकर 20 रुपये कर दी है. इससे गरीबों और छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी. वहीं, पटना के पुनौराधाम को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 883 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.
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