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जानिए जीतन राम मांझी का 1980 से लेकर अब तक का सियासी सफर

मांझी का जन्म बिहार राज्य के गया जिले की खिजरसराय के महकार गांव में हुआ. उनके पिता का नाम रामजीत राम मांझी है जो खेतिहर मजदूर थे. उन्होंने गया महाविद्यालय से 1966 में स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है.

Updated on: 10 Nov 2020, 07:42 AM

पटना:

बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी गया जिले की इमामगंज (सुरक्षित) सीट से खुद चुनावी मैदान में हैं. मांझी यहां से दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. मांझी के खिलाफ आरजेडी से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ताल ठोक रहे हैं. यहां से उदय नारायण चौधरी जेडीयू के टिकट पर 2000 से 2015 तक लगातार चार बार विधायक रहे हैं. पिछले चुनाव में मांझी और चौधरी के बीच मुकाबला हुआ था. इस सीट पर सियासी हलकों की खास नजर है. क्योंकि बिहार के सियासी किंगमेकर बनने की चाह लेकर महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए में जीतनराम मांझी शामिल हुए हैं. 

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मांझी का जन्म बिहार राज्य के गया जिले की खिजरसराय के महकार गांव में हुआ. उनके पिता का नाम रामजीत राम मांझी है जो खेतिहर मजदूर थे. उन्होंने गया महाविद्यालय से 1966 में स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है. वो महादलित मुसहर समुदाय से हैं. 1966 में जीतनराम मांझी ने लिपिक की नौकरी करना आरम्भ किया और 1980 में नौकरी छोड़ दी.

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नौकरी छोड़ने के बाद जीतनराम मांझी ने राजनीति में कदम रखा और 1980 में विधायक चुने गये. इसके बाद वो 1990 और 1996 में भी विधायक चुने गये. 2005 में बाराचट्टी से बिहार विधान सभा के लिए चुने गये. 1983 से 1985 तक वो बिहार सरकार में मंत्री रहे. 2008 में मांझी को कैबिनेट मंत्री चुना गया. वह एक बार बिहार के सीएम भी रहे है.

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बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के 10 महीनों के बाद पार्टी ने उनसे नीतीश कुमार के लिये पद छोड़ने को कहा. ऐसा न करने के कारण उनको पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. 20 फरवरी 2014 को बहुमत साबित न कर पाने के कारण उन्होनें इस्तीफ़ा दे दिया. उसके बाद अपनी पार्टी का गठन किया. जीतन राम मांझी की पत्नी का नाम शांति देवी है.