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बिहारः चौसा के गंगा घाट पर तैरते मिले 40-45 शव, प्रशासन बोला- ये यूपी की लाशें हैं

बिहार के बक्सर के चौसा में महादेव घाट पर पानी में तैरती लाशों को देखकर प्रशासन में हड़कंप मच गया. अब जब बक्सर के चौसा में महादेव घाट पर नदी किनारे बहकर लाशें आ रही हैं तो बेशर्म सरकारें इस पर भी राजनीति कर रही हैं.

Updated on: 10 May 2021, 10:54 PM

highlights

  • प्रशासन ने यूपी की लाशें बताकर पल्ला छाड़ा
  • सभी शवों को नदी किनारे दफनाया गया

नई दिल्ली:

कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर में देश में हाहाकार मचा हुआ है. हर रोज हजारो कोरोना (COVID-19) संक्रमित मरीजों की मौत होने से श्मशान घाट और कब्रिस्तान में जगह कम पड़ने लगी है. बिहार में भी कोरोना से हालात काफी खराब हो चुके हैं. बक्सर (Baxur) जिले के चौसा के महदेवा घाट (Mahadev Ganga Ghat Chausa) पर लाशों का अम्बार लग गया है. चौसा में महादेव घाट पर पानी में तैरती लाशों को देखकर प्रशासन में हड़कंप मच गया. अब जब बक्सर के चौसा में महादेव घाट पर नदी किनारे बहकर लाशें आ रही हैं तो बेशर्म सरकारें इस पर भी राजनीति कर रही हैं.

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प्रशासन बोला- यह लाशें यूपी की हैं

लाशों के अंबार पर गोलमोल जवाब देने का सिलसिला शुरू हो गया है. बक्सर के जिला प्रशासन ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कह दिया कि ये बिहार या बक्सर नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की लाशें हैं जो यहां बह कर आ गई हैं. महादेव घाट में किनारे में लाशों के अंबार की ये तस्वीरें किसी को भी विचलित भी कर सकती है. ऐसा लगता है कि शवों ने महादेव घाट को पूरी तरह ढक लिया है. चौसा के बीडीओ अशोक कुमार ने बताया कि करीब 40 से 45 लाशें होंगी जो अलग-अलग जगहों से बह कर महादेव घाट पर आ गई हैं.

यूपी से बहकर आ रहे हैं शव

चौसा के बीडीओ अशोक कुमार ने बताया कि ये करीब 40 से 45 लाशें होंगी, जो अलग अलग जगहों से बहकर महदेवा घाट पर आ कर लग गई हैं. उन्होंने बताया कि ये लाशें हमारी नहीं हैं. हम लोगों ने एक चौकीदार लगा रखा है, जिसकी निगरानी में लोग शव जला रहे हैं. ऐसे में ये शव उत्तर प्रदेश से बहकर आ रहे हैं और यहां पर लग जा रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि यूपी से आ रही लाशों को रोकने का कोई उपाय नहीं है. ऐसे में हम इन लाशों के निष्पादन की तैयारी में है. 

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शवों को दफनाने दफनाया गया

प्रशासन द्वारा घाट पर ही जेसीबी मशीन से गड्ढा खुदवाकर सारी लाशों को दफना दिया गया है. प्रशासन भले ही इन लाशों को यूपी की बता रहा हो, लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां रोज 100 से 200 लोग आते हैं और लकड़ी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से लाशों को गंगा में ही फेंक देते हैं. इतनी ज्यादा संख्या में तैरती लाशों को देखकर स्थानीय लोगों में काफी खौफ का माहौल है.