केरल: मंत्रिमंडल में कौन अंदर, कौन बाहर, सिर्फ पिनराई विजयन को मालूम
पिनराई विजयन ने केरल में 6 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके इतिहास रच दिया. विजयन गुरुवार यानी 20 मई को पद की शपथ लेंगे.
highlights
- पिनराई विजयन फिर बनेंगे केरल के CM
- 20 मई को लेंगे केरल के CM पद की शपथ
- मंत्रिमंडल में नामों को लेकर बना सस्पेंस
तिरुवनंतपुरम:
पिनराई विजयन ने केरल में 6 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके इतिहास रच दिया. विजयन गुरुवार यानी 20 मई को पद की शपथ लेंगे. एक बात जो तय है कि वो मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. लेकिन इसके अलावा कोई नहीं जानता कि उनके साथ उनकी पार्टी की ओर से कौन-कौन शपथ लेंगे. मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर कयासों का दौर जारी है. विजयन से जब ये पूछा गया कि मीडिया में जिन लोगों के नाम चल रहे हैं क्या वो सही हैं, तो विजयन ने कहा- कयास लगाना जारी रखें.
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मंत्रिमंडल को लेकर जब उनसे पूछा गया कि क्या अनुमान सही होने के करीब हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, 'यह तब पता चलेगा जब मैं नाम दूंगा . फिर जैसा कि सामान्य अभ्यास है, आप कह सकते हैं कि आपने जो कहा वह सही हो गया है.'' यहां तक कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के केरल चैप्टर ने अनुरोध किया है कि कोविड के बढ़ने के साथ, यह बेहतर होगा कि वर्चुअली सेंट्रल स्टेडियम में बाहर आयोजित समारोह में शपथ ग्रहण का आयोजन किया जाए.
विजयन के मंत्रिमंडल को लेकर कुल संख्या पर अभी भी फैसला नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि सीएम पद सहित नियमों के मुताबिक उनके मंत्रिमंडल में 21 मंत्री हो सकते हैं. हालांकि, 2016 में उन्होंने मंत्रिमंडल में 20 मंत्री शामिल करने का फैसला किया था, लेकिन इस बार वह असमंजस में हैं क्योंकि 140 सदस्यीय विधानसभा में एलडीएफ ने 99 सीटें जीती हैं. निवर्तमान विजयन कैबिनेट में, माकपा के पास 12 मंत्री और मुख्यमंत्री हैं. दूसरे सबसे बड़े सहयोगी भाकपा के पास राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कांग्रेस (एस) और जनता दल (एस) के लिए एक-एक सदस्य शामिल थे.
हालांकि इस बार वामपंथियों ने केरल कांग्रेस (बी), इंडियन नेशनल लीग (एनएल) को पूर्ण सहयोगी का दर्जा दिया है . इसके अलावा कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष केरल कांग्रेस (मणि) और लोकतांत्रिक जनता दल से दो नए सहयोगी हैं. फिर कोवूर कुंजुमोन हैं जो 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले यूडीएफ से आने के बाद से वामपंथियों के साथी लड़ रहे हैं . इस बार उन्होंने लगातार पांचवीं बार चुनाव जीता है. दूसरे सबसे बड़े सहयोगी भाकपा को चार मंत्री मिलेंगे, वे अपनी टीम पर फैसला करेंगे.
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हालांकि वह पहले ही एनसीपी को साफ तौर पर बता चुके हैं, जिसके दो विधायक हैं कि निवर्तमान मंत्री ए.के. शशिन्द्रन और थॉमस के. थॉमस, कि अगर वे एक कैबिनेट पद के लिए आपस में लड़ते रहते हैं, तो किसी पर भी विचार नहीं किया जाएगा. विजयन पार्टी के अकेले विधायक को पांच साल का कार्यकाल साझा करने के लिए कहने के विचार पर भी विचार कर रहे हैं . यहां भी किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर वह केरल कांग्रेस (बी) के गणेश कुमार को पूरे पांच साल का कार्यकाल दे देते हैं.
एक मीडिया आलोचक ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि विजयन के पास इस समय जितनी ताकत है, वह जो बार-बार बयान देंगे, तो उसपर उतनी ही चर्चा होगी. लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की महत्वपूर्ण बैठकें अगले हफ्ते की शुरूआत में होनी हैं . जैसे ही स्पष्ट होंगी, विजयन ही उन्हें बताएंगे कि उनके मन में क्या है . तब तक लोग अनुमान लगाते रहेंगे.
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