/newsnation/media/media_files/2025/11/21/know-who-is-nupur-sheron-who-won-gold-medal-in-world-boxing-cup-in-noida-2025-11-21-08-43-50.jpg)
Who is Nupur Sheoran: भिवानी की गलियों से लेकर गोल्ड मेडल तक, जानिए कौन है नूपुर श्योराण, वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में जीता स्वर्ण पदक
Who is Nupur Sheoran: नोएडा में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भिवानी के उमरवास गांव की रहने वाली नूपुर श्योराण ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने 80 प्लस किलोग्राम केटेगरी में बेस्ट प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया. फाइनल में उन्होंने उज्बेकिस्तान की मुक्केबाज को 3-2 से मात दी. नूपुर ने इससे पहले वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियशीप में रजत पदक पर कब्जा किया था. उनका संकल्प था कि जल्द रजत को स्वर्ण में बदल देंगी. आइए जानते हैं नूपुर ने अपने बॉक्सिंग करियर की शुरुआत कब और कैसे की और उन्हें प्रेरणा कहां से मिली.
परिवार से मिली बॉक्सर बनने की प्रेरणा
नूपुर श्योराण शुरुआत में पढ़ाई-लिखाई में ज्यादा ध्यान दिया करतीं थीं. वह पढ़ने में होशियार थीं और इसी में करियर बनाना चाहतीं थीं. लेकिन 15 साल की उम्र के बाद उनका रुझान बॉक्सिंग की तरफ होने लगा. उन्होंने अपने दादा हवा सिंह से प्रेरणा ली जो खुद भी मुक्केबाजज रहे. उन्होंने 2 बार एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा उनके पिता भी बॉक्सर रहे और नूपुर की मां नेशनल लेवल पर बास्केटबॉल खेल चुकीं हैं.
यह भी पढ़ें - Nikhat Zareen Net Worth: निखत जरीन के पास कितनी है संपत्ति? तेलंगाना पुलिस में DSP, ऐसे करती हैं करोड़ों की कमाई
पिता के साथ की ट्रेनिंग
वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में नूपुर श्योराण ने पहली बार मेडल जीता था, वह टूर्नामेंट में भारत की ओर से पदक जीतने वालीं पहली मुक्केबाज थीं. नूपुर भिवानी में कैप्टन हवा सिंह अकादमी में ही ट्रेनिंग करतीं हैं. जहां उनके पापा उनके साथ बाकी मुक्केबाजों को तैयार करते हैं. हालांकि 6 फीट लंबाई होने के कारण उन्हें ट्रेनिंग पार्टनर ढूंढने में दिक्कत होती है. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भी ट्रायल दिया था. साल 2023 में नूपुर के पैर में चोट लग गई थी, इसके बाद वह 80+ केटेगरी में शिफ्ट हो गईं.
स्वर्ण पदक जीतने के बाद बोलीं नूपुर श्योराण
स्वर्ण पदक जीतने के बाद नूपुर ने कहा कि उन्हें इस पदक की बेहद जरूरत थी. उन्होंने बताया कि किस तरह से पदक नहीं मिलने पर उन्हें ट्रोल किया गया. इसके बाद उन्होंने स्वर्ण पदक जीतने का संकल्प लिया और उसे सच कर दिखाया. एएनआई से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा,
मुझे इस स्वर्ण पदक की सचमुच ज़रूरत थी क्योंकि मैं पिछले एक महीने से सोई नहीं थी. मुझे एक वीडियो के लिए ट्रोल किया गया था जिसमें मैंने कहा था कि मुझे अभी-अभी रजत पदक मिला है और मैं उसे स्वर्ण पदक में बदल दूंगी, मुझे अति-आत्मविश्वासी कहा गया. मैं सबको बताना चाहती हूँ कि जब तक हम यह नहीं सोचेंगे कि हमें कहाँ पहुँचना है, हम वहाँ नहीं पहुंच पाएंगे"
यह भी पढ़ें - Smriti Mandhana Engagement: स्मृति मंधाना ने पलाश मुच्छल के साथ की सगाई, PM मोदी ने दी बधाई, जानिए कब हो सकती है शादी
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us