Commonwealth Games 2030: भारत को आज मिल सकती है कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी, जानिए इसकी प्रक्रिया और महत्व

Commonwealth Games 2030: वैश्विक खेल मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज करने की ओर भारत बड़ा कदम रखने जा रहा है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी भारत के हिस्से में आनी लगभग तय है.

Commonwealth Games 2030: वैश्विक खेल मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज करने की ओर भारत बड़ा कदम रखने जा रहा है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी भारत के हिस्से में आनी लगभग तय है.

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Mohit Kumar
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Commonwealth Games 2030: भारत को आज मिल सकती है कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी, जानिए इसकी प्रक्रिया और महत्व

Commonwealth Games 2030: भारत को आज मिल सकती है कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी, जानिए इसकी प्रक्रिया और महत्व Photograph: (Source - CWG)

Commonwealth Games 2030: वैश्विक खेल मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज करने की ओर भारत बड़ा कदम रखने जा रहा है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी भारत के हिस्से में आनी लगभग तय है. आज यानि 26 नवंबर को इसकी आधिकारिक घोषणा भी हो सकती है. बुधवार को ग्लास्गो में होने वाली कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स जनरल असेंबली में इस पर मुहर लगने वाली है. भारत ने बोली में नाइजीरिया के शहर अबुजा को पीछे छोड़ा है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी मिलने के साथ ही साल 2036 में ओलंपिक की मेजबानी का रास्ता भी खुल सकता है. 

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भारत को मिल सकती है आधिकारिक मंजूरी 

जनरल असेंबली में कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स बोर्ड की सिफारिश पर मुहर लगाने वाली है. भारत की बोली को बोर्ड की सिफारिश मिली है, जबकि भारत की प्रतिस्पर्धा में खड़े नाइजीरिया के अबुजा शहर को साल 2034 में होने वाले कॉमनवेल्थ पर विचार करने को कहा है. इस दौरान उनकी मेजबानी क्षमता को मजबूत करने पर काम किया जाएगा.

भारत की ओर से असेंबली में संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और गुजरात के खेल मंत्री हर्ष सांघवी शामिल होने वाले हैं. कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार बैठक में भारत अपनी प्रेज़न्टैशन देगा. जिसमें अहमदाबाद में खेलों के विजन पेश किए जाएंगे, जिसके बाद मेजबानी आधिकारिक रूप से सौंप दी जाएगी. 

भारत को मेजबानी मिलने का महत्व 

भारत के लिए ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब 72 राष्ट्रमंडल देशों के प्रीतिनिधि एक मंच पर लाए जाएंगे. आयोजन में 20 से अधिक खेल शामिल होंगे, जिसमें एथलेटिक्स और पैरा-एथलेटिक्स शामिल करना जरूरी है. इससे पहले साल 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया गया था. तब 71 देशों के 6081 खिलाड़ियों ने भाग लिया था. 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स को 100 साल भी पूरे हो जाएंगे. यह भारत की मेजबानी को और विशेष बना देता है. इसके साथ ओलंपिक 2036 की मेजबानी हासिल करने में भी बड़ा कदम माना जा सकता है. जाहिर तौर पर इससे वैश्विक खेल मंच में भारत को नई पहचान भी मिलेगी. 

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कैसे मिलती है कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी?

कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी हासिल करने की प्रक्रिया कई चरणों में की होती है. इसका संचालन कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन की ओर से किया जाता है. सबसे पहले देशों को रुचि दिखानी होती है फिर CGF शहरों से प्रारम्भिक जानकारी मांगता है. फिर बोली प्रक्रिया होती है जिसमें खेल सुविधाएं, ट्रांसपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा, पर्यावरण और समाजिक प्रभाव शामिल होते हैं. CGF की ओर से फिर देश या शहर का निरीक्षण किया जाता है. अंत में बोली लगाने वाला देश असेंबली में अपनी प्रेजन्टेशन देता है फिर अंतिम मंजूरी दी जाती है. 

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