IPL Trophy: 2008 में शुरू हुई इंडियन प्रीमियर लीग के 17 सीजन खेले जा चुके हैं. अब 18वें सीजन की शुरुआत 22 मार्च से होने वाली है, जहां एक बार फिर 10 टीमें चमचमाती आईपीएल ट्रॉफी के लिए आपस में भिड़ेंगी. तो आइए इस आर्टिकल में आपको आईपीएल की ट्रॉफी से जुड़ी कुछ खास जानकारी देते हैं, जिनके बारे में शायद ही आप जानते हों.
संस्कृत में लिखी होती है खास बात
आईपीएल की ट्रॉफी पर अगर आप गौर से देखेंगे तो उसपर संस्कृत भाषा में एक कोट लिखा होता है. यत्र प्रतिभा अवसरा प्राप्तोतिहि, इसका मतलब है कि जहां प्रतिभा और अवसर का मिलन होता है. आपको बता दें, आईपीएल की शुरुआत 2008 में हुई थी और इसके जरिए एक नहीं बल्कि कई युवा प्रतिभाएं उभरकर सामने आई हैं.
विजेता कप्तान या फ्रेंचाइजी के पास नहीं रहती ट्रॉफी
आईपीएल के 17 सीजन खेले जा चुके हैं और हर सीजन एक टीम सबको हराकर खिताबी जीत दर्ज करती है. तब अधिकारियों की ओर से चैंपियन कप्तान और टीम को चमचमाती आईपीएल ट्रॉफी दी जाती है. ऐसे में कई बार आपके मन में सवाल आता होगा की आखिर ये ट्रॉफी किसके पास रहती है. कप्तान अपने साथ रखता है या फिर फ्रेंचाइजी के पास रहती है?
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, ये ट्रॉफी कप्तान, फ्रेंचाइजी या खिलाड़ी नहीं बल्कि BCCI के पास ही रहती है. दरअसल, विजेताओं को पोडियम पर यह ट्रॉफी दी जाती है, लेकिन फिर इसे उनसे वापस ले लिया जाता है और चैंपियन फ्रेंचाइजी को इसकी रेप्लिका दे दी जाती है.
हर साल नहीं बनती नई ट्रॉफी
अब जैसा की हमने आपको बताया कि बीसीसीआई चैंपियन टीम से असली ट्रॉफी वापस ले लेता है और उन्हें रेप्लिका देता है. सोशल मीडिया पर मिली जानकारी के मुताबिक, हर फाइनल के बाद चैंपियन टीम के नाम का स्टिकर ट्रॉफी में लगा दिया जाता है. रिपोर्ट्स की मानें, तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड तब तक नई ट्रॉफी नहीं बनाएगा जब तक कि उसके पास कोई नई डिजाइन या फिर नाम जोड़ने के लिए जगह खत्म ना हो जाए.
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