पंजाब किंग्स पिछले दिनों आरसीबी के हाथों आईपीएल 2025 का फाइनल हार गई. इसी के साथ प्रीति जिंटा की टीम का पहला आईपीएल टाइटल जीतने का सपना चकनाचूर हो गया. खिताबी मुकाबले में शशांक सिंह ने इस टीम के लिए अकेले संघर्ष किया. हालांकि उनकी 30 गेंदों पर 61 रनों की पारी के बावजूद पंजाब हार गई. शशांक ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया. जिसमें उन्होंने दूसरे क्वालीफायर मैच व कप्तान श्रेयस अय्यर को लेकर बात की.
शशांक सिंह ने दिया ये बयान
हाल ही में पंजाब किंग्स के खिलाड़ी शशांक सिंह ने एक मीडिया संस्थान को एक साक्षात्कार दिया. इस दौरान उन्होंने मुंबई के खिलाफ दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में रन आउट होने और श्रेयस अय्यर का मैच के बाद उन्हें डांटने को लेकर बात की.
"मैं इसका हकदार हूं. अय्यर को मुझे थप्पड़ मारना चाहिए था. मेरे पिता ने फाइनल तक मुझसे बात नहीं की. मैं लापरवाह था. ऐसा लगा मैं बगीचे में भी नहीं, बीच पर टहल रहा था. यह एक महत्वपूर्ण समय था. श्रेयस ने स्पष्ट किया कि मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी लेकिन बाद में वह मुझे रात के खाने के लिए बाहर ले गया".
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जानें क्या था पूरा वाकया
ये वाकया मुंबई इंडियंस बनाम पंजाब किंग्स दूसरे क्वालीफायर मुकाबले के दौरान हुआ था. पंजाब की टीम मुंबई के 204 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली टीम इसके जवाब में 15.4 ओवर में 156 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी. श्रेयस गजब का फाइटबैक कर रहे थे. विकेटों के गिरते पतझड़ के बीच धुरंधर खिलाड़ी क्रीज पर डटे हुए थे. वहीं उनका साथ देने के लिए शशांक सिंह आए थे.
17वें ओवर की चौथी गेंद पर शशांक मिड ऑन की ओर शॉट खेलकर एक रन लेने के लिए दौड़े. नॉन स्ट्राइक पर खड़े अय्यर आसानी से क्रीज में सलामत पहुंचे. हालांकि शशांक सिंह लापरवाही के साथ क्रीज के अंदर गए. इतने में हार्दिक पांड्या ने डायरेक्ट हिट पर उन्हें रन आउट कर दिया.
श्रेयस की जमकर की तारीफ
शशांक सिंह ने पंजाब किंग्स के अपने कैप्टन श्रेयस अय्यर की जमकर तारीफी की. उन्होंने अपने बयान में कहा कि श्रेयस खिलाड़ियों को पूरी स्वतंत्रता देते हैं. इसके अलावा वह हर किसी से सुझाव लेने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. उनका कहना था,
"मैंने जो भी दूसरों से बात की है और देखा है, विश्व क्रिकेट में वर्तमान समय में उनसे बेहतर कोई कप्तान नहीं है. वह हमें स्वतंत्रता देते हैं, वह सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं. कोई नहीं कहेगा कि श्रेयस का रवैया अलग है. ड्रेसिंग रूम में युवा उन्हें एक शांत इंसान मानते हैं. श्रेयस एकमात्र कप्तान हैं, जिन्होंने हमें बताया है कि अगर किसी के पास खेल के दौरान कोई सुझाव है, तो वह आकर उन्हें बता सकता है. अगर उन्हें लगता है कि यह सही सलाह है, तो वह इसे मानेंगे. यह दुर्लभ है".
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