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IPL History : आईपीएल इतिहास में पहली बार ऐसा कारनामा, पहले कभी नहीं हुआ 

इस बार के आईपीएल में कई रंग और कई आंकड़े हमें देखने के लिए मिले, लेकिन एक ऐसा काम भी हुआ, जो इससे पहले 12 सीजन में कभी भी नहीं हुआ. आईपीएल का पहला सीजन साल 2008 में खेला गया था.

Updated on: 08 Nov 2020, 06:07 AM

नई दिल्‍ली :

IPL 13 Points Table : आईपीएल 2020 के अब दो ही मैच बचे हुए हैं. अब आठ में से तीन ही टीम खिताब जीतने की दावेदार बची हैं. मुंबई इंडियंस को पहले ही फाइनल में अपनी जगह सुरक्षित कर चुकी है.  अब रविवार को जब क्‍वालीफायर 2 में दिल्‍ली कैपिटल्‍स और सनराइजर्स हैदराबाद आमने सामने होंगी तो जो टीम इस मैच को जीतेगी, वो सीधे फाइनल में पहुंच जाएगी और दस नवंबर को आईपीएल का फाइनल दुबई में होगा. देखना होगा कि आईपीएल कोई नई टीम जीतेगी या फिर जो टीमें पहले आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम कर चुकी है, उसी में से कोई टीम फिर से विजेता बनेगी. 

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इस बार के आईपीएल में कई रंग और कई आंकड़े हमें देखने के लिए मिले, लेकिन एक ऐसा काम भी हुआ, जो इससे पहले 12 सीजन में कभी भी नहीं हुआ. आईपीएल का पहला सीजन साल 2008 में खेला गया था. इस बार आईपीएल की प्‍वाइंट्स टेबल की बात करें तो सबसे नीचे राजस्‍थान रॉयल्‍स की टीम है, जिसके पास 12 अंक हैं, यानी इस टीम ने 14 में से अपने छह मैच जीते हैं, इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि आईपीएल की प्‍वाइंट्स टेबल में सबसे नीचे रहने वाली टीम भी छह मैच जीती हो. बात सबसे पहले साल 2008 यानी पहले आईपीएल की. उस साल की प्‍वाइंट्स टेबल में सबसे नीचे डेक्‍कन चार्जर की टीम थी. उस साल डेक्‍कन चार्जर ने 14 में से केवल दो ही मैच जीते थे और उनके अंक महज चार ही थे. इसके बाद साल 2009 में सबसे नीचे कोलकाता नाइटराडर्स की टीम थी, जिसने 14 में से तीन मैच जीते थे और उनके अंक सात ही थे. साल 2010 में किंग्‍स इलेवन पंजाब ने खराब प्रदर्शन किया और 14 में से केवल चार ही मैच जीते थे, इस तरह से उनके अंक आठ ही थे.

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इसके बाद अब बात करते हैं साल 2011 की, उस साल दिल्‍ली कैपिटल्‍स ने 14 में से चार ही मैच जीते थे, इसलिए उनके अंक नौ पर ही हो पाए थे. साल 2012 में पुणे वॉरियर्स ने अपने 16 में से चार मैच अपने नाम किए थे और उनके अंक आठ ही रह गए थे. बात साल 2013  की करें तो उस साल दिल्‍ली कैपिटल्‍स की टीम सबसे फिसड्डी साबित हुई थी. दिल्‍ली ने अपने 16 में से केवल तीन ही मैच जीते थे और छह अंकों से ही उन्‍हें संतोष करना पड़ा था. 
साल 2014 में तो दिल्‍ली कैपिटल्‍स का प्रदर्शन और भी खराब रहा था, उस साल टीम ने 14 मैच खेले और उसमें से दो ही मैच जीत पाए थे. इस तरह से उनके अंक मात्र चार ही रह गए थे. साल 2015 में किंग्‍स इलेवन पंजाब का प्रदर्शन खराब रहा और टीम सबसे आखिरी यानी आठवीं पायदान पर रही. टीम ने 14 में से तीन मैच जीते थे और टीम के अंक छह ही रह गए थे. किंग्‍स इलेवन पंजाब साल 2016 में भी कुछ खास नहीं कर  पाई और टीम 14 में से चार ही जीत सकी और टीम के अंक आठ रह गए थे, इस तरह से टीम ने नीचे से टॉप करने के मामले में हैट्रिक तक मार दी थी. 

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इसके बाद साल 2017 में विराट कोहली की कप्‍तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की टीम 14 में से तीन मैच जीत सकी थी और टीम के अंक सात ही थे. साल 2018 में एक बार फिर दिल्‍ली की टीम फिसड्डी रही और इस साल टीम ने 14 में से पांच मैच जीते और दस अंक लेकर सबसे  नीचे की पायदान पर रही थी. पिछले साल यानी साल 2019 में रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलोर ने 14 में से पांच मैच जीते थे इस तरह से टीम के अंक 11  ही रह गए थे, इसके बाद भी टीम सबसे नीचे की पायदान पर थी. इस साल राजस्‍थान रॉयल्‍स की टीम ने 14 में से छह मैच जीते और टीम के अंक 12 रह गए. 

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इस तरह से आईपीएल के इतिहास में पहली बार राजस्‍थान रॉयल्‍स की टीम प्‍वाइंट्स टेबल में सबसे नीचे रह गई है. हालांकि अंकों की बात करें तो एमएस धोनी की कप्‍तानी वाली चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स और किंग्‍स इलेवन पंजाब के भी अंक तो 12-12 ही हैं, लेकिन इन दोनों टीमों का नेट रन रेट राजस्‍थान से बेहतर है, इसलिए ये टीमें छठे और सातवें नंबर पर है और राजस्‍थान की टीम आखिरी नंबर पर. यानी इस साल पहली बार ऐसा हुआ है कि जो टीम सबसे नीचे है, वह भी 12 अंक लेकर अपने आखिरी मैच तक लड़ती रही, लेकिन आखिर में उसे प्‍लेआफ से बाहर होना पड़ा.