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Dream 11 के साथ आगे भी जारी रह सकता है IPL और BCCI का रिश्‍ता, जानिए क्‍या हैं दो विकल्‍प

ड्रीम 11 पिछले दो दिनों से लगातार चर्चा में बना हुआ है. आखिर हो भी क्‍यों ना. दुनिया की सबसे बड़ी लीग इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल 2020 की टाइटल स्‍पॉन्‍सरशिप जो ड्रीम 11 ने हासिल कर ली है.

Updated on: 19 Aug 2020, 01:20 PM

New Delhi:

ड्रीम 11 पिछले दो दिनों से लगातार चर्चा में बना हुआ है. आखिर हो भी क्‍यों ना. दुनिया की सबसे बड़ी लीग इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल 2020 (IPL 2020) की टाइटल स्‍पॉन्‍सरशिप जो ड्रीम 11 (Dream 11) ने हासिल कर ली है. ड्रीम 11 की आईपीएल (IPL 13) के साथ यह पहली दोस्‍ती है. आईपीएल का यह 13वां सीजन है, लेकिन अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो चीनी मोबाइल कंपनी वीवो (vivo) के साथ बीसीसीआई (BCCI) और आईपीएल का रिश्‍ते आगे के लिए भी टूट सकता है और उसकी वीवो की जगह अब ड्रीम 11 लेने के लिए तैयार दिख रही है. बीसीसीआई की ओर से भी कुछ इसी तरह का इशारा किया गया है. इस साल की डील तो फाइनल है, लेकिन आईपीएल 2021 और आईपीएल 2022 के लिए भी डील आगे बढ़ सकती है, लेकिन इसके लिए ड्रीम इलेवन को कुछ रकम बढ़ानी पड़ेगी. हालांकि इस बीच आपको बता दें कि ड्रीम इलेवन और बीसीसीआई के बीच लगातार बातचीत चल रही है और बहुत संभव है कि जल्‍द ही इस पर भी अंतिम मोहर लग जाए. 

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फेंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम11 ने भले ही इस सीजन में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टाइटल स्‍पॉन्‍सरशिप हासिल कर लिए हों, लेकिन अगले दो सीजन में भी उसके पास इन अधिकारों का रहना इस पर निर्भर करेगा कि वह अपनी बोली को कितना बढ़ाता है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) मौजूदा पेशकश से संतुष्ट नहीं है. बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार यही कारण है कि बोर्ड ने अब तक आधिकारिक रूप से ड्रीम11 के नाम की घोषणा आईपीएल टाइटल अधिकार धारक के रूप में नहीं की है, जबकि लीग के अध्यक्ष बृजेश पटेल ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की.

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ड्रीम 11 ने आईपीएल 2020 की टाइटजल स्‍पॉन्‍सरशिप लेकर चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो की जगह ली है, जिसे सीमा पर भारत-चीन तनाव के कारण प्रायोजन से हटना पड़ा था. सूत्रों का कहना है कि बीसीसीआई और ड्रीम इलेवन अब भी तीन साल के सशर्त करार पर बात कर रहे हैं जिसके तहत अगर वीवो हर साल 440 करोड़ रुपये के करार पर वापसी नहीं करता है तो उसे 2021 और 2022 में हर साल 240 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. इस मामले की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि यह हमेशा से स्पष्ट था कि सर्वश्रेष्ठ बोली लगाने वाले को टाइटल अधिकार नहीं मिले. इस बारे में बोली लगाने वालों से इच्छा पत्र स्वीकार करने से पहले बीसीसीआई ने यह स्पष्ट कर दिया था.

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बीससीआई अधिकारी ने कहा कि ड्रीम11 ने सबसे बड़ी बोली लगाई है और अब भी अधिकार हासिल करने का प्रबल दावेदार है, लेकिन आधिकारिक घोषणा से पहले कुछ मुद्दों का हल निकाला जा रहा है. पता चला है कि बीसीसीआई ड्रीम11 से बात कर रहा है और चाहता है कि वह दूसरे और तीसरे साल की अपनी बोली में इजाफा करे. अधिकारी ने कहा कि अगर यह सिर्फ 2020 के लिए है तो 222 करोड़ ठीक है, लेकिन यह तीन साल के लिए सशर्त बोली है. वीवो के साथ हमारा करार अब भी कायम है. उन्होंने पूछा, हमने इसे खत्म नहीं किया है, यह बस रुका है. अगर हमें 440 करोड़ रुपये मिल रहे हैं तो हम 240 करोड़ रुपये क्यों लें. ऐसी स्थिति में ड्रीम11 के पास दो विकल्प होंगे. या तो वह एक साल के करार जो करीब चार महीने और 14 दिन का है, को स्वीकार करे या 2021 और 2022 की सशर्त राशि में इजाफा करे, जो पूरी तरह से उस पर निर्भर करेगा.

(इनपुट भाषा)