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IPL का नाम सुनते ही जलन के मारे धुआं-धुआं हो जाते हैं पाकिस्तानी खिलाड़ी, मदन लाल ने बताई सच्चाई

मदन लाल ने कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ी जब IPL का हिस्सा हुआ करते थे तब वे इसे दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट बोलते थे. लेकिन, अब जब उन्हें IPL में शामिल ही नहीं किया जाता तो उनके लिए ये सबसे बुरा बन गया है.

Updated on: 07 Aug 2020, 01:09 PM

नई दिल्ली:

इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) का पहला सीजन साल 2008 में खेला गया था. इस साल यानि 2020 में आईपीएल (IPL) का 13वां सीजन खेला जाएगा. पहले सीजन से लेकर 13वें सीजन तक के सफर में आईपीएल ने दुनियाभर में खूब सुर्खियां बटोरीं. लिहाजा, आईपीएल अब दुनिया का सबसे बड़ा और लोकप्रिय क्रिकेट लीग बन चुका है. भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईपीएल का 13वां सीजन (IPL 13) यूएई (UAE) में खेला जाएगा. 19 सितंबर से शुरू होने वाले आईपीएल के 13वें सीजन का फाइनल मुकाबला 10 नवंबर को खेला जाएगा. बीसीसीआई से लेकर फ्रेंचाइजी और खिलाड़ियों से लेकर दर्शकों ने भी आईपीएल को लेकर अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं.

आईपीएल शुरू होने में अब कुछ ही दिनों का समय बचा है. इसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मदन लाल (Madan Lal) ने आईपीएल से चिढ़ने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आड़े हाथों लिया है. मदन लाल ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाड़ी आईपीएल से काफी जलते हैं और इसके प्रति जलन की भावना से ही बात भी करते हैं. 1983 विश्व कप चैंपियन टीम के हिस्सा रहे मदन लाल ने एक टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ी जब आईपीएल का हिस्सा हुआ करते थे तब वे इसे दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट बोलते थे. लेकिन, अब जब उन्हें आईपीएल में शामिल ही नहीं किया जाता तो उनके लिए ये सबसे बुरा बन गया है.

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बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से ही इस साल होने वाले एशिया कप (Asia Cup) और टी20 विश्व कप (T20 World Cup) को स्थगित कर दिया गया था. जिसके बाद ही आईपीएल के 13वें सीजन के लिए विंडो उपलब्ध हो पाई. खासतौर पर टी20 विश्व कप स्थगित होने के बाद ही आईपीएल का रास्ता साफ हो पाया है. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली आईपीएल के 13वें सीजन के लिए विंडो की तलाश में काफी मेहनत कर रहे थे और वे कैसे भी करके इस साल आईपीएल का आयोजन कराना चाहते थे. यदि इस साल आईपीएल का आयोजन हो भी रहा है तो इसके पीछे गांगुली के मजबूत इरादे और उनकी कड़ी मेहनत का सबसे बड़ा योगदान है.

1983 विश्व चैंपियन भारत के खिलाड़ी रहे मदन लाल ने कहा कि टी20 विश्व कप को स्थगित करना पूरी तरह से आईसीसी और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का फैसला था. उन्होंने कहा कि विश्व कप को स्थगित करने में बीसीसीआई का कोई रोल नहीं था. आईसीसी और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ही कोरोना वायरस महामारी और इससे बचने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को देखते हुए टी20 विश्व कप 2020 को स्थगित करने का फैसला किया था. बता दें कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया काफी पहले ही साफ कर चुका था कि वह इस साल टी20 विश्व कप की मेजबानी नहीं करना चाहता.

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कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण टी20 विश्व कप में शामिल होने वाली टीमों की यात्रा की सबसे बड़ी समस्या थी. इसके अलावा यदि कोरोना काल में टी20 विश्व कप का आयोजन होता भी तो उसे बंद दरवाजों के पीछे खाली स्टेडियम में कराना होता और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पहले ही कह चुका था कि वे इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए खाली स्टेडियम में टी20 विश्व कप का आयोजन नहीं करना चाहते हैं. इसके अलावा स्पॉन्सरशिप भी एक बड़ी वजह थी. इन सभी विषयों को देखने के बाद ही आईसीसी और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इसे स्थगित करने का फैसला किया था.

टी20 विश्व कप स्थगित होने के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने बीसीसीआई पर निशाना साधा था. पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कहा था कि आईसीसी ने बीसीसीआई के दबाव में आकर टी20 विश्व कप को स्थगित किया है. अख्तर ने कहा था कि बीसीसीआई ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए आईसीसी पर दबाव डालकर टी20 विश्व कप को स्थगित करा दिया. पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ को भी यही लगता है कि आईसीसी ने बीसीसीआई के दबाव में आकर टी20 विश्व कप को स्थगित किया है. वहीं दूसरी ओर, वसीम अकरम ने कहा कि कोरोना के अंजाम को देखते हुए ये काफी पहले ही समझ में आ गया था कि इस साल होने वाला टी20 विश्व कप नहीं हो पाएगा.