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बहुत बड़ा खुलासा : ये भारतीय दिग्‍गज नहीं चाहता था कि IPL 2020 हो, पाकिस्‍तानी ने दी ब्रेकिंग न्‍यूज

आईपीएल 2020 का रास्‍ता अब करीब करीब साफ है और उम्‍मीद की जानी चाहिए कि सितंबर और अक्‍टूबर में हमें आईपीएल 13 होता हुआ नजर आए. इससे पहले T20 विश्‍व कप इसकी राह में रोड़ा बन रहा था.

Updated on: 23 Jul 2020, 04:25 PM

New Delhi:

आईपीएल 2020 (IPL 2020) का रास्‍ता अब करीब करीब साफ है और उम्‍मीद की जानी चाहिए कि सितंबर और अक्‍टूबर में हमें आईपीएल 13 (IPL 13) होता हुआ नजर आए. इससे पहले T20 विश्‍व कप (T20 World Cup) इसकी राह में रोड़ा बन रहा था, लेकिन उसके रद होते ही इसके रास्‍ते खुल गए हैं. हालांकि अभी तक बीसीसीआई (BCCI) को यूएई में आईपीएल कराने की परमीशन तो नहीं मिली है, लेकिन उम्‍मीद है कि एक हफ्ते में यह भी पूरी हो जाएगी. इससे भारतीय क्रिकेटर और भारतीय फैंस खुश हैं, वहीं विदेशी फैंस में भी खुशी देखी जा रही है. विदेशी खिलाड़ी भी आईपीएल में खेलने के लिए तैयारी कर रहे हैं. लेकिन क्‍या आप सोच सकते हैं कि कोई भारतीय चाहता था कि इस साल का आईपीएल न हो और वह भी बहुत बड़ी कुर्सी पर बैठा हुआ आदमी. इस बारे में एक बड़ा खुलासा पाकिस्‍तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली (Basit Ali) ने किया है. 

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पाकिस्‍तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली (Basit Ali) ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि इस साल का T20 विश्‍व कप नहीं होगा, ये तो अभी नहीं बल्‍कि करीब एक डेढ महीने पहले से ही तय था. जब से क्रिकेट आस्‍ट्रेलिया ने इसे कराने से इन्‍कार किया था, उसके बाद से ही तय हो गया था, लेकिन आईसीसी अध्‍यक्ष शशांक मनोहर (Shashank Manohar) नहीं चाहते थे कि आईपीएल हो, इसलिए T20 विश्‍व कप को रद करने के ऐलान को लगातार टाला जाता रहा. बासित अली ने कहा कि यह बात हमारे भारतीय साथियों को अच्‍छी नहीं लगेगी, लेकिन शशांक मनोहर नहीं चाहते थे कि आईपीएल हो. बासित अली ने यह भी कहा कि इसी साल के आखिर में होने वाले आईपीएल को अगले साल फरवरी मार्च में कराने की हुई थी, लेकिन इसको लेकर पाकिस्‍तान ने हाथ खड़े कर दिए. पीसीबी का कहना था कि फरवरी मार्च में उनके यहां पीसीएल होतो है, इसलिए वे इसका साथ नहीं देंगे. 

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आपको बता दें कि इससे पहले पहले जब आईसीसी की बैठक में T20 विश्‍व कप पर कोई आखिरी फैसला नहीं लिया गया था, तब बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया था कि आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर भ्रम की स्थिति क्यों पैदा कर रहे हैं? अगर मेजबान क्रिकेट बोर्ड T20 विश्व का आयोजन नहीं करना चाहता तो उन्हें फैलने की घोषणा करने के लिए एक महीना क्यों चाहिए? इस महीने की शुरुआती में बोर्ड बैठक के बाद आईसीसी ने एक महीने और इंतजार करने का फैसला किया और कोविड-19 महामारी के बीच प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर कोई फैसला करने से पहले और आपात योजनाओं पर विचार करना चाहता है. अधिकारी का मानना था कि टूर्नामेंट को स्थगित करने को लेकर अगर जल्द फैसला होता है तो इससे सदस्य देशों को अपनी द्विपक्षीय सीरीज की योजना बनाने में मदद मिलेगी. नाराज अधिकारी ने कहा कि यह बीसीसीआई या आईपीएल का मामला नहीं है. अगर आईसीसी इस महीने टूर्नामेंट को स्थगित करने की घोषणा करता है तो जिन सदस्य देशों के खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा नहीं है वे भी इस दौरान अपनी द्विपक्षीय सीरीज को लेकर योजना बना सकते हैं. फैसला करने में देरी से सभी को नुकसान होगा. यह तब की बात है, जब शशांक मनोहर आईसीसी के अध्‍यक्ष हुआ करते थे, लेकिन जब उन्‍होंने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया और उसके बाद आईसीसी की बैठक हुई तो विश्‍व कप को रद कर दिया गया. 

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आपको याद होगा कि जब शशांक मनोहर ने इस्‍तीफा दिया था, उसके बाद बीसीसीआई पूर्व सचिन निरंजन शाह का भी बड़ा बयान सामने आया था. पूर्व सचिव निरंजन शाह ने कहा था कि शशांक मनोहर का आईसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना जाहिर सी बात थी और अब उन्हें पलट कर देखना चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्या किया. शाह ने कहा था कि अब वह आराम के दौर में होंगे और इस दौरान उन्हें बतौर आईसीसी चेयरमैन अपने कार्यकाल की समीक्षा करनी चाहिए. उन्हें देखना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट का कितना नुकसान हुआ है. शाह ने आगे कहा, बीते कुछ वर्षों में बीसीसीआई ने काफी कुछ झेला है. आईसीसी ने इस दौरान भारत में क्रिकेट और बीसीसीआई को हुए नुकसान का फायदा उठाया है. मुझे हालांकि पूरा भरोसा है कि बीसीसीआई की मौजूदा नेतृत्व ईकाई काफी मजबूत है.