IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैनचेस्टर टेस्ट मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ. मगर, आखिरी एक घंटे में कई ऐसी चीजें हुईं, जिसने क्रिकेट फैंस के मन में सवाल खड़े कर दिए होंगे. जैसे बेन स्टोक्स हाथ मिलाना चाहते थे, लेकिन रवींद्र जडेजा ने इससे इनकार कर दिया, तो ना चाहते हुए भी इंग्लिश कप्तान को आगे खेलना पड़ा. तो आइए इस आर्टिकल में हम आपको टेस्ट मैच को ड्रॉ कराने के नियमों के बारे में बताते हैं.
टेस्ट क्रिकेट में क्या है ड्रॉ का नियम?
यदि कोई मैच बिना किसी परिणाम के समाप्त होता है, तो उसे 'ड्रा' कहा जाता है. इसका मतलब है कि दोनों टीमों में से कोई भी मैच जीतने में सफल नहीं हो पाती है, या तो समय समाप्त होने के कारण या फिर कोई टीम अपनी पारी पूरी नहीं कर पाती है. टेस्ट क्रिकेट के नियमों के मुताबिक, अगर समय से पहले दोनों कप्तानों की सहमति हो, तो मैच को ड्रॉ घोषित किया जा सकता है.
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बेन स्टोक्स के ऑफर को ठुकराया
मैनटेस्टर टेस्ट मैच में भारतीय टीम के दृढ़ निश्चय के सामने इंग्लैंड ने घुटने टेक दिए और मैच ड्रॉ हो गया. मगर, इस मैच के आखिरी एक घंटे में बेन स्टोक्स की हरकतों ने खेल भावना को आहत किया.
दरअसल, जब रवींद्र जडेजा 89 और वॉशिंगटन सुंदर 80 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तभी इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने ड्रॉ के लिए हाथ मिलाने का ऑफर दिया, लेकिन शतक के करीब दोनों खिलाड़ियों ने इस ऑफर को ठुकरा दिया, जिससे इंग्लिश कप्तान तिलमिला उठे और तंज कसने लगे.
हालांकि, इन सभी बातों को नजरअंदाज करते हुए जडेजा और सुंदर दोनों ने ही अपने शतक पूरे किए और ऐतिहासिक ड्रॉ के हीरो रहे. बताते चलें, जारी टेस्ट सीरीज में भारत अभी भी 1-2 से पीछे है और ओवल टेस्ट में सीरीज को बराबर करना चाहेगा.
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