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What Is Bronco Test bcci introduce Photograph: (SOCIAL MEDIA)
What Is Bronco Test? भारतीय क्रिकेटरों के फिटनेस मानकों को बेहतर बनाने के लिए हेड कोच गौतम गंभीर और स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने मौजूदा यो-यो टेस्ट और 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल के साथ-साथ ब्रोंको टेस्ट को एक नए मानक के रूप में पेश किया है. इसका मतलब है कि अब खिलाड़ियों को फिटनेस साबित करने के लिए यो-यो टेस्ट के अलावा बोंको टेस्ट भी पास करना होगा.
ब्रांको टेस्ट का क्या होगा महत्व?
ब्रोंको टेस्ट को खासतौर पर रग्बी के खेल में इस्तेमाल किया जाता है. इस ब्रोंको टेस्ट के जरिए खिलाड़ियों की एरोबिक सहनशक्ति को आंका जाएगा और उनकी हृदय संबंधी सीमाओं को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस टेस्ट को शामिल करने का विचार ले रॉक्स का था, जो जून में भारतीय टीम में फिर से शामिल हुए थे. उन्होंने इससे पहले 2000 के दशक की शुरुआत में टीम इंडिया के साथ काम किया था और क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका, आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स के साथ भी काम किया है.
क्या है ब्रांको टेस्ट?
ब्रोंको टेस्ट अब भारतीय टीम के फिटनेस प्रोटोकॉल का हिस्सा होगा. ब्रोंको टेस्ट में एक खिलाड़ी को 20 मीटर शटल दौड़ से शुरुआत करनी होगी, जिसके बाद 40 मीटर और 60 मीटर की दौड़ होगी. इन सबको मिलाकर एक सेट बनाया जाएगा.
एक खिलाड़ी से बिना रुके ऐसे 5 सेट (कुल 1200 मीटर) की उम्मीद की जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय क्रिकेटरों को ब्रोंको टेस्ट 6 मिनट के अंदर में पूरा करने के लिए कहा गया है. इससे पहले 2 किलोमीटर के टाइम ट्रायल में खिलाड़ियों को ब्रॉन्को टेस्ट 6 मिनट में पूरा करना होगा.
🚨 RUGBY-CENTRIC BRONCO TEST IN INDIAN CRICKET 🚨
— Johns. (@CricCrazyJohns) August 21, 2025
- Bronco Tests for a players start off with a 20 Meter shuttle run followed by a 40m one & 60m run in the first set - Player need to do 5 such sets which adds up to 1200 meters without taking rest, ask to complete in 6 minutes.… pic.twitter.com/8LxMhKNwDT
मैदान पर बिताएं अधिक समय
ब्रांको टेस्ट लाने के पीछे की वजह रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आई है. ऐसा बताया जा रहा है कि ब्रोंको टेस्ट का सुझाव स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने दिया था, जो चाहते हैं कि भारतीय खिलाड़ी जिम पर ज्यादा ध्यान देने के बजाय मैदान पर ज्यादा वक्त बिताएं और दौड़ लगाएं.
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