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विराट कोहली और केएल राहुल ने खुद को बचाया, गेंदबाजों को फंसाया

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच तीन वन डे मैचों की सीरीज में टीम इंडिया 0-2 से पीछे हो गई है. सीरीज में पीछे ही नहीं, बल्‍कि भारतीय टीम सीरीज हार ही चुकी है. अब दोनों टीमों के बीच एक और वन डे मैच खेला जाना है.

Updated on: 29 Nov 2020, 08:23 PM

नई दिल्‍ली :

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच तीन वन डे मैचों की सीरीज में टीम इंडिया 0-2 से पीछे हो गई है. सीरीज में पीछे ही नहीं, बल्‍कि भारतीय टीम सीरीज हार ही चुकी है. अब दोनों टीमों के बीच एक और वन डे मैच खेला जाना है, जो कैनबरा में दो दिसंबर को खेला जाएगा. पहले ही मैच की तरह इस मैच भी भारतीय गेंदबाजों ने खूब रन दिए. इसके बाद जब टीम इंडिया बल्‍लेबाजी के लिए आई तो लाख कोशिश के बाद भी उस स्‍कोर तक नहीं पहुंच सकी, जहां तक जाना था. पहला मैच टीम इंडिया 66 रन से हारी थी, वहीं इस मैच में उसे 51 रन से हार मिली. अब तीसरे मैच में क्‍या टीम इंडिया में कुछ बदलाव होंगे या फिर इसी प्‍लेइंग इलेवन के साथ टीम इंडिया उतरेगी, ये देखना दिलचस्‍प होगा. 

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भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और उप-कप्तान लोकेश राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में मिली हार के लिए गेंदबाजों को जिम्मेदार ठहराया है. पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को 374 रन बनाए और रविवार को खेले गए दूसरे वनडे मैच में 389 रन बनाए. भारत को पहले वनडे में 66 और दूसरे वनडे में 51 रनों से हार मिली. मैच के बाद टीम इंडिया के कप्‍तान विराट कोहली ने कहा कि मुझे लगता है कि हम गेंद से ज्यादा प्रभावी नहीं थे. हमने लगातार अच्छे क्षेत्रों में गेंदबाजी नहीं की. ऑस्‍ट्रेलिया का बल्लेबाजी क्रम मजबूत है और वह जानते हैं कि एंगल क्या है. उनका टोटल काफी ज्यादा था. आप देखेंगे तो हम 340 (338) रन तक पहुंचे फिर भी 51 रनों से पीछे रह गए. जब केएल राहुल से पूछा गया कि क्या गेंदबाजों ने संघर्ष किया? तो उन्होंने कहा कि संघर्ष सही शब्द नहीं होगा, लेकिन हां, हमने स्थिति से जल्दी तालमेल नहीं बैठाया. जैसा मैंने कहा कि यह हमारे गेंदबाजों के लिए सीखने वाली बात है कि वह कितनी जल्दी तालमेल बैठाते हैं और विकेट लेते हैं और एक गेंदबाजी ईकाई के तौर पर सीखते हैं. 

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वहीं उपकप्‍तान केएल राहुल ने माना कि टीम पावर-प्ले में विकेट लेने के लिए संघर्ष करती दिखी. उन्होंने कहा कि लिमिटेड ओवरों की क्रिकेट में यह काफी अहम होता है. जब हम गेंदबाजी कर रहे हों, हमें लगातार अंतराल पर विकेट लेने चाहिए. अगर आप दोनों पारियों में हमारी बल्लेबाजी देखेंगे तो पता चलेगा कि हमने 30-40 रन के बाद विकेट गंवाया है. उनके लिए यह 50-60 रहा. यहां अंतर रह गया. हमें विकेट लेने का मंत्र ढूंढ़ना होगा.

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हालांकि सच ये भी है कि पहले ही मैच की तरह इस मैच भी भारतीय गेंदबाज कुछ खास नहीं कर पाए. ऑस्‍ट्रेलिया के शुरुआती पांच बल्‍लेबाजों ने अर्धशतक जड़े और अब तक का सबसे बड़ा स्‍कोर ऑस्‍ट्रेलिया ने बना दिया. इससे समझा जा सकता है कि भारतीय गेंदबाजों ने कैसी गेंदबाजी की होगी. सीरीज के शुरुआती मैच में काफी रन लुटाने के बाद तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने इस मैच में मेडन ओवर से शुरुआत की और विकेट से अच्छी रफ्तार हासिल की जिस पर अच्छी खासी घास थी, लेकिन वह जल्द ही लय खो बैठे और आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने धीमी शुरुआत के बाद तेजी पकड़ना शुरू किया. युवा नवदीप सैनी को जल्दी ही गेंदबाजी पर लगाया गया, लेकिन आते ही उनकी भी पिटाई शुरू हो गई. इस मैच में तो भारत ने सात गेंदबाजों का इस्‍तेमाल किया, हार्दिक पांड्या के अलावा मयंक अग्रवाल से भी गेंदबाजी कराई गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सभी गेंदबाजों की खूब पिटाई हुई. 

(इनपुट आईएएनएस)