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भारतीय खिलाड़ियों की शिकायत करने वाले संजीव गुप्ता ने MPCA की सदस्यता छोड़ी, जानिए पूरा मामला

देश के कई बड़े क्रिकेटरों के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत दर्ज कराने वाले संजीव गुप्ता ने मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ की आजीवन सदस्यता छोड़ दी है. संजीव गुप्ता ने हाल ही में भारतीय कप्तान विराट कोहली के खिलाफ शिकायत की थी.

Updated on: 19 Jul 2020, 08:09 AM

New Delhi:

देश के कई बड़े क्रिकेटरों के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत दर्ज कराने वाले संजीव गुप्ता (Sanjeev Gupta) ने मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (MPCA) की आजीवन सदस्यता छोड़ दी है. संजीव गुप्ता ने हाल ही में भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) के खिलाफ शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि वह उस फर्म की सहायक फर्म के निदेशक है जो उनके व्यावसायिक हितों का प्रबंधन करती है. समझा जाता है कि बीसीसीआई (BCCI) लोकपाल डीके जैन उनके आरोपों का अध्ययन कर रहे हैं. 

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संजीव गुप्ता के एक करीबी सूत्र ने बताया कि संजीव गुप्ता ने एमपीसीए की आजीवन सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने निजी तौर पर देश के शीर्ष क्रिकेटरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. एमपीसीए का उससे कुछ लेना देना नहीं है. संजीव गुप्ता ने सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली के खिलाफ तब शिकायत की थी जब वे क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य थे. समिति भंग होने के बाद उनकी शिकायत भी बेमानी हो गई.

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आपको बता दें कि संजीव गुप्ता ने भारतीय टीम के कप्‍तान विराट कोहली के खिलाफ शिकायत में आरोप लगाया है कि वह एक साथ दो पदों पर काबिज हैं. वह भारतीय टीम के कप्तान और एक ऐसी संस्था के निदेशक है जिसके सह-निदेशक कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के जुड़े हुए है. हालांकि इसके बाद प्रतिभा प्रबंधन संस्थान कॉर्नरस्टोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बंटी सजदेह ने हितों के टकराव के मामले पर विराट कोहली का बचाव करते हुए कहा था कि निहित स्वार्थ’ के कारण सिर्फ अनुमान के आधार पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. सजदेह ने यह भी कहा था कि मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों की जांच कर लें. हम अपना व्यवसाय बहुत ही पेशेवर और पारदर्शी तरीके से करते हैं, जिसे समय-समय पर सार्वजनिक प्राधिकरणों के पास दाखिल दस्तावेजों से आसानी से सत्यापित किया जा सकता है. उन्होंने कहा, इस मामले पर हमें इतना ही कहना है.

(इनपुट भाषा)