सौरव गांगुली और जय शाह को राहत, 'कूलिंग ऑफ पीरियड' मामले में अनिश्चितकाल के लिए टली सुनवाई
19 सितंबर से शुरू होने वाले आईपीएल के 13वें सीजन को देखते हुए गांगुली और शाह के लिए ही नहीं बल्कि बीसीसीआई के लिए भी यह एक बड़ी राहत की खबर है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने गांगुली और शाह के पद पर बने रहने के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दी है. अब, सौरव गांगुली और जय शाह बीसीसीआई में अपने-अपने पदों पर तब तक काम करते रहेंगे, जब तक सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला नहीं सुना देता. 19 सितंबर से शुरू होने वाले आईपीएल के 13वें सीजन को देखते हुए गांगुली और शाह के लिए ही नहीं बल्कि बीसीसीआई के लिए भी यह एक बड़ी राहत की खबर है.
ये भी पढ़ें- IPL प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए इंग्लैंड दौरे पर नहीं जाएंगे एंड्रयू मैकडोनल्ड
बता दें कि गांगुली और शाह पर 'कूलिंग ऑफ पीरियड' मामले में 22 जुलाई को सुनवाई होनी थी लेकिन कोरोना के चलते सुनवाई को 17 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया था और अब इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है. आईपीएल 13 के लिए नए टाइटल स्पॉन्सर का ऐलान 18 अगस्त हो होना है. यदि ऐसे में 17 अगस्त को होने वाली सुनवाई में गांगुली और शाह के खिलाफ फैसला आता तो इन दोनों के साथ-साथ पूरे बीसीसीआई के लिए ही आफत खड़ी हो जाती.
ये भी पढ़ें- महेंद्र सिंह धोनी की CSK के लिए मुसीबत बने विदेशी खिलाड़ी, ट्रेनिंग कैंप में नहीं होंगे शामिल
झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) के स्वघोषित लाइफटाइम मेंमर नरेश मकानी ने सौरव गांगुली और जय शाह के बीसीसीआई में पदों पर बने रहने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बतौर मकानी, बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार सौरव गांगुली और जय शाह का पद पर बने रहना उचित नहीं है. इतना ही नहीं, खुद को जेएससीए का लाइफटाइम मेंमर बताने वाले मकानी ने बोर्ड के लोकपाल डीके जैन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें