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सौरव गांगुली और जय शाह को राहत, 'कूलिंग ऑफ पीरियड' मामले में अनिश्चितकाल के लिए टली सुनवाई

19 सितंबर से शुरू होने वाले आईपीएल के 13वें सीजन को देखते हुए गांगुली और शाह के लिए ही नहीं बल्कि बीसीसीआई के लिए भी यह एक बड़ी राहत की खबर है.

Updated on: 14 Aug 2020, 07:34 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने गांगुली और शाह के पद पर बने रहने के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दी है. अब, सौरव गांगुली और जय शाह बीसीसीआई में अपने-अपने पदों पर तब तक काम करते रहेंगे, जब तक सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला नहीं सुना देता. 19 सितंबर से शुरू होने वाले आईपीएल के 13वें सीजन को देखते हुए गांगुली और शाह के लिए ही नहीं बल्कि बीसीसीआई के लिए भी यह एक बड़ी राहत की खबर है.

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बता दें कि गांगुली और शाह पर 'कूलिंग ऑफ पीरियड' मामले में 22 जुलाई को सुनवाई होनी थी लेकिन कोरोना के चलते सुनवाई को 17 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया था और अब इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है. आईपीएल 13 के लिए नए टाइटल स्पॉन्सर का ऐलान 18 अगस्त हो होना है. यदि ऐसे में 17 अगस्त को होने वाली सुनवाई में गांगुली और शाह के खिलाफ फैसला आता तो इन दोनों के साथ-साथ पूरे बीसीसीआई के लिए ही आफत खड़ी हो जाती.

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झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) के स्वघोषित लाइफटाइम मेंमर नरेश मकानी ने सौरव गांगुली और जय शाह के बीसीसीआई में पदों पर बने रहने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बतौर मकानी, बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार सौरव गांगुली और जय शाह का पद पर बने रहना उचित नहीं है. इतना ही नहीं, खुद को जेएससीए का लाइफटाइम मेंमर बताने वाले मकानी ने बोर्ड के लोकपाल डीके जैन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.