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PCA के स्टेडियम को महाराजा यादविंदर सिंह के नाम से जाना जाएगा

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) ने अपने आगामी स्टेडियम का नाम स्व. महाराजा यादविंदर सिंह स्टेडियम के नाम पर रखने का फैसला किया है. यादविंदर ने 1934 में भारत के लिए एकमात्र टेस्ट मैच खेला था.

Updated on: 10 Aug 2020, 08:29 AM

New Delhi:

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) (PCA) ने अपने आगामी स्टेडियम का नाम स्व. महाराजा यादविंदर सिंह स्टेडियम (Late Maharaja Yadvinder Singh Stadium) के नाम पर रखने का फैसला किया है. यादविंदर ने 1934 में भारत के लिए एकमात्र टेस्ट मैच खेला था. पीसीए के अध्यक्ष राजिंदर गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसका फैसला लिया गया. यादविंदर सिंह, पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के पिता थे. पीसीए ने साथ ही मोहाली में अपने मौजूदा इंद्रजीत सिंह बिंद्रा स्टेडियम का भी नवीनीकरण करना शुरू कर दिया है.

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पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) ने मुल्लांपुर में अपने नए स्टेडियम का नाम पूर्ववर्ती पटियाला राज्य के अंतिम राजा स्व. महाराजा यादविंदर सिंह के नाम पर रखने का फैसला किया है. पीसीए अध्यक्ष राजिंदर गुप्ता और सचिव पुनीत बाली के अलावा संघ के अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक में यह फैसला किया गया. पुनीत बाली ने कहा कि इस विचार का प्रस्ताव पीसीए अध्यक्ष ने रखा और इसे स्वीकृति दे दी गई है. पीसीए ने मौजूदा आईएस बिंद्रा स्टेडियम के नवीनीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की जिससे कि इसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में परिवर्तित किया जा सके. पुनीत बाली ने कहा कि नवीनीकरण के बाद यहां मैदान, स्‍वीमिंग पूल, जिम और अन्य बुनियादी ढांचों की सुविधा उपलब्ध होगी.

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आपको बता दें कि मुल्लांपुर में 38.2 एकड़ में बने स्टेडियम की रूपरेखा पूर्व पीसीए अध्यक्ष आईएस बिंद्रा ने तैयार की थी. टॉप काउंसिल की बैठक में जिन अन्य एजेंडा को स्वीकृति दी गई उनमें पीसीए ने अनुबंधित क्रिकेटरों की संख्या 30 से बढ़ाकर 40 करने का फैसला किया जिसमें 10 महिला खिलाड़ी भी शामिल होंगी. बाली ने कहा कि बैठक का एक मुख्य एजेंडा छात्रवृत्ति योजना को स्वीकृति देना था. उन्होंने कहा कि जिला विकास योजना को लागू करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई. इस योजना के तहत पंजाब के 18 जिला संघों को विकास का एजेंडा सौंपना होगा और पीसीबी की निरीक्षण समिति इस योजना का अध्ययन करेगी. छोटे और बड़े जिलों के अनुदान में इजाफे का भी फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान काम करने वाले कार्याचल कर्मचारियों और मैदानकर्मियों को 40 हजार रुपये का बोनस दिया जाएगा.

(एजेंसी इनपुट)